Nari Suraksha “नारी सुरक्षा ” Hindi Essay 350 Words, Best Essay, Paragraph, Anuched for Class 8, 9, 10, 12 Students.

नारी सुरक्षा

Nari Suraksha

सृष्टि की जन्मदात्रों नारी आज अपनी संतान से ही स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही है। इक्कीसवीं शताब्दी में आज के यौन के भूखे युवकों को केवल वह यौन की भूख मिटाने का साधन दिखाई देती है। आज के समाज को केवल उसका विलासी रूप याद रह गया है। उसका जननी, बहन का रूप भूल गया है। हालत यह है कि देश में शायद ही कोई दिन जाता है जिस दिन वह बलात्कार की शिकार नहीं होती। यही नहीं, जुल्म की इतिहां तो यह है कि उससे सामहिक बलात्कार तक किया जाता है और फिर उसकी हत्या कर दी जाती है। वह न घर में महफूज है और न ही बाहर। न दफ्तर में और न बाजार में। नारी की सुरक्षा के लिए जो भी इंतजाम किए जाते हैं, वे बहुत कम होते हैं। बहुत-से नारी से किए गए अपराधों में अपराधी को सजा नहीं मिलती। अगर किसी नारी अपराधी को कड़ी सजा दी जाती है तो मानव अधि कार संगठन उसके बचाव में आकर खड़े हो जाते हैं। कितनी विडंबना है कि नारी से लूट-पाट भी की जाती है और उसकी अस्मत भी बरबाद की जाती है। बहुत-सी सरकारों ने नारी के साथ अपराध करने वालों के खिलाफ सख्त कानन बनाए हैं। पर वे संदेह का लाभ उठाकर साफ बरी हो जाते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने कथित रोमियों को सबक सिखाने के लिए सख्त कानन बनाया है। मगर अब कुछ सत्ताधारियों ने ही ऐसे कानूनों के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है। नारी के साथ होने वाले अपराधों की कई किस्में हैं। कहीं उसे दहेज न लाने पर जला दिया जाता है तो कहीं वह दहेज की मांग परी न होने पर घर में ही परिजनों से यौन शोषण का शिकार हो जाती है। कहीं उसे बहकाकर लूट लिया जाता है तो कहीं उसके गले से चैन न ली जाती है। ये अपराध तभी रुक सकते हैं जब इस तरह के अपराधियों पर न केवल मकदमे चलाए जाएँ बल्कि तेज अदालत में चलाए जाएँ। दोषी पाए जाने पर कम से कम उम्र कैद की व्यवस्था की जाए। तभी नारी के साथ होने वाले अपराध में कमी आएगी। अगर कठोर कानून नहीं बनाए गए तो निर्भयाकांड या रोहतक कांड होते ही रहेंगे।

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