स्कूल में मेरा पहला दिन
My First Day at School
मेरा नामांकन शहर के एक प्रसिद्ध उच्च माध्यमिक विद्यालय में छठी कक्षा में हुआ था। नए विद्यालय में जाने के लिए मैं बहुत उत्साहित था। उस दिन जल्दी उठकर विद्यालय जाने की तैयारी करने लगा । पिताजी स्कूटर से मुझे विद्यालय ले गए। उन्होंने कक्षा अध्यापक से मेरा परिचय करा दिया । कक्षा अध्यापक ने मेरा नाम पूछकर मुझे प्रार्थना में शामिल होने का निर्देश दिया। उन्होंने मुझे कक्षा का कमरा भी दिखाया । प्रार्थना के बाद मैं अपनी कक्षा में बैठ गया । हाजिरी के बाद बारी-बारी से विज्ञान, अंगरेजी, गणित और कंप्यूटर की पढ़ाई हुई । शिक्षकों ने नए छात्रों से नाम और परिचय पूछा । फिर मध्यावकाश की घंटी बजी । मध्यावकाश में मुझे कुछ सहपाठियों से परिचय का अवसर मिला । इसके बाद मैंने घर से लाया हुआ नाश्ता किया । मध्यावकाश के बाद पढ़ाई फिर से आरंभ हुई । तीन पीरियड के बाद छुट्टी की घंटी बजी । सभी विद्यार्थी हुड़दंग मचाते हुए विद्यालय से बाहर आ गए । इस तरह स्कूल में मेरा पहला दिन नए-नए अनुभवों को प्राप्त करने में बीता । शिक्षकों और सहपाठियों के मिलनसार व्यवहार से मैं बहुत खुश था।
शब्द–भंडार
उत्साहित = आतुर, उत्साह से भरा हुआ, मध्यावकाश = मध्य+अवकाश = बीच की छुट्टी। सहपाठियों = साथ पढ़नेवालों । निर्देश = हिदायत, समझाना । हुड़दंग = उछल-कूद और उपद्रव ।