आपत्ति के समय सांत्वना देने हेतु मित्र को पत्र
379, बड़ा बाजार, कटनी
दिनांक 21-1-2008
प्रिय मित्र दीपक,
सस्नेह नमस्कार!
मुझे यह जानकर हार्दिक दुःख हुआ कि आपके पिताजी का देहांत हो गया। ईश्वर आपको इस महान कष्ट को सहने की शक्ति दे एवं दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे।
प्रिय मित्र, जीवन एक संग्राम है। जीवन में दुःख-सुख जैसी घटनाएँ प्रस्तुत होती रहती हैं, किन्तु वीर मनुष्य वही है, जो इन सारी कठिनाईयों का निर्भीकता के साथ सामना करे।
शेष शुभ। कृपया पत्रोत्तर दीजिये।
आपका मित्र
आशीष