Kashmir Samasya “कश्मीर समस्या” Hindi Essay 600 Words, Best Essay, Paragraph, Anuched for Class 8, 9, 10, 12 Students.

कश्मीर समस्या

Kashmir Samasya

भारत की विभिन्न समस्याओं में कश्मीर समस्या एक बड़ी समस्या है। भारत विभाजन के बाद यह समस्या पैदा हुई। दरअसल विशाल भारत के बीच कुछ अवसरवादी और महत्त्वाकांक्षी नेताओं ने भारत विभाजन करा दिया। भारत विभाजन के बाद कश्मीर का मसला एक बड़ी समस्या बन गया। इसका कुछ हिस्सा भारत में है और कुछ पर पाकिस्तान ने कब्जा किया हुआ है। झगड़ा यह है कि पाकिस्तान हमारे कश्मीर को अपना हिस्सा मानता है जबकि शतप्रतिशत यह भारत का अभिन्न अंग हैं। कुछ गलतियाँ हमारे पूर्व राजनेताओं ने भी की। पूरे भारत में भारतीय संविधान का पालन होता है पर कश्मीर में धारा 370 के तहत उन्हें विशेष सुविधा दी गई हैं। ये सुविधाएँ भारत के अन्य हिस्से में नहीं हैं। भारत इस समस्या को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहता है। प्रत्यक्ष में पाकिस्तान भी यही चाहता है पर अप्रत्यक्ष रूप में वह कश्मीर को हड़पने के लिए पूरा जोर लगाए हुए है। वह अपने देश से भारत में घुसपैठियों को भेजता है, आतंकवादियों को भेजता है जो अप्रतक्ष्य रूप से भारत सीमा में अवैध तौर पर दाखिल होते हैं। 1947 से पकिस्तान की कश्मीर हड़पने की कोशिश जारी है और आज तक यह निरन्तर चल रही है। अपनी इस महत्त्वाकांक्षा को पूरी करने के लिए वह भारत से तीन बार युद्ध कर चुका है। 1965 . 1971 और 1999 में। इन तीनों युद्धों में उसने मुंह की खाई है। बुरी तरह पराजित हुआ है। पर वह छद्म युद्ध से भारतीय सेना का निरन्तर नुकसान करने में लगा है। इसके लिए अमानवीय कृत्य करने से भी बाज नहीं आता।

कश्मीर में पाकिस्तान ने आजादी के बाद लगातार अपने समर्थकों की आबादी बढ़ाने का सिलसिला जारी किया और आज यह समस्या इतनी बड़ी हो गई है कि एक गुट ऐसा है जो कश्मीर को भारत और पाक दोनों से अलग रखना चाहता है और

से स्वतंत्र देश की तरह घोषित करना चाहता है। जबकि यह सरासर गलत है। कश्मीर भारत का हिस्सा है. अभिन्न हिस्सा है और अभिन्न ही रहेगा। कोई भी ताकत इस देश से कश्मीर को अलग नहीं कर सकती। पाकिस्तान की सेना की सहायता से आतंकवादी संगठन भारत में घुसपैठ करते हैं। भारतीय सैनिक शिविरों पर हमला बोलते हैं, इस कारण हमारे आज तक हजारों सैनिक शहीद हो चुके हैं।

कश्मीर की समस्या हल करने के लिए शिमला समझौता किया गया। इसमें जिन बिन्दुओं पर चर्चा की गई कुछ साल बाद उन्हीं बिंदुओं पर पाकिस्तान ने मुँह मोड़ना शुरू कर दिया। उसका तो एक ही एजंडा है कि कश्मीर समस्या भारत के लिए सरदर्द बनी रहे। भारतीय सेना का भी एक ही एजेंडा है मर जाएँगे पर कश्मीर नहीं देंगे। दरअसल कश्मीर समस्या पर बातचीत की जरूरत भी क्या है, जो हमारा है, वह हमारा है। भारत सरकार की नीति तो यही होनी चाहिए कि जो हमारे देश की ओर आँखें फाड़कर देखे उसकी आँखें निकाल ली जाएँ। कश्मीर समस्या पाकिस्तान हल करना नहीं चाहता। वह तो इसे सुलगाए रखना चाहता है। क्योंकि उसका हित इसी में है। अभी सीमा पार से सेना का सहारा लेकर आए दहशतगर्दो ने दो भारतीय सैनिकों तरनतारन के । परमजीत सिंह और देवरिया के एक सैनिक प्रेमसागर के शव क्षत विक्षत किए और उनका सर काटकर ले गए। यह अमानवीय कृत्य है। इस तरह की करतूत से पाकिस्तान अपना मकसद कभी हल नहीं कर सकता। पाक अधिकृत कश्मीर को उनके पंजे से आजाद कराना वक्त की बड़ी जरूरत है। यह बातचीत से मानने वाला नहीं है। इसके लिए भारत सरकार को कड़ा कदम उठाना चाहिए। और उन लोगों की चुन-चुन कर पहचान करनी चाहिए जो पाकिस्तान से सहानुभूति रखते हैं। उन्हें कड़ी सजा दी जाए। सरकार को फौरन इस समस्या से निजात दिलाने की जरूरत है। इसके लिए युद्ध की भी आवश्यकता पड़े तो नहीं चूकना चाहिए।

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