Jaisi Sangati Bethiye Tesoi Phal Deen “जैसी संगति बैठिए तैसोई फल दीन” Essay in Hindi, Best Essay, Paragraph for Class 8, 9, 10, 12 Students.

जैसी संगति बैठिए तैसोई फल दीन

Jaisi Sangati Bethiye Tesoi Phal Deen

इस उक्ति का अर्थ है-मनुष्य जिस संगति में बैठता है, उसे वैसा ही फल मिलता है। बुरे की संगति में बुरा फल मिलता है। अच्छे के साथ रहने से अच्छा परिणाम निकलता है। एक प्रसिद्ध कहावत है-काजर की कोठरी में कैसा हू सयानो जाय, एक रख काजर की लागी है पै लागी है। यदि सज्जन दर्जनों से घिरा रहेगा तो दर्जनों के अवगुण उस पर अवश्य प्रभाव छोड़ेंगे। जिन मित्रों के साथ हम रहते हैं, उनके प्रभाव से बचना अत्यंत कठिन है। यदि मित्र अच्छे होंगे तो हमें अच्छाई की ओर अग्रसर करगा यदि वे मौजी, विलासी और घुमक्कड होंगे तो हमें भी वैसा बना देंगे। यदि वे पढ़ाकू, गंभीर और जागरूक होंगे तो हमें भा जागरूक बना देंगे। मित्र बनाना एक बड़ी शक्ति की उपासना करना है। इसलिए हमें मित्र बनाते समय यह सोचना चाहिए कि हम कैसे बनना चाहते हैं? यदि सफल बनना चाहते हैं तो सफल लोगों के साथ मित्रता करें। यदि समाज-सेवा करना चाहते हैं, तो सज्जनों से मित्रता करें।

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