बैंड एड
Band Aid
(चिकित्सीय सहायता के लिए)
अर्ल ने बैंड एड का आविष्कार किया। उसने उसे अपनी कम्पनी जॉनसन व जॉनसन के उच्चाधिकारियों को दिखाया। उन्हें भी यह बहुत पसन्द आया और सन् 1920 में इसका व्यावसायिक उत्पादन प्रारम्भ हो गया। उन्होंने इसका नामकरण भी कर दिया, बैंड एड अर्थात् चिकित्सीय सहायता के लिए टेप। आज वही बैंड एड पूरे विश्व में लोकप्रिय है।
जोसेफाइन डिक्सन जब विवाह के पश्चात् अपने पति के साथ रहने आई तो उसके पति ने देखा कि उसके साथ रोज ही कोई-न-कोई छोटी-बड़ी दुर्घटना होती रहती है। कभी चाकू से सब्जी काटते समय उसका हाथ कट जाता था तो कभी छिल जाता था।
उसका पति अर्ल डिक्सन जॉनसन कम्पनी में काम करता था उसे रोजाना उसकी मरहम-पट्टी करनी पड़ती थी। अर्ल डिक्सन को अब यह भी चिन्ता होने लगी कि किसी दिन जब वह अपने दफ्तर में होगा और उसकी प्रिय जोसेफाइन को अगर चोट लग गई तो फिर क्या होगा।
इस बात के मद्देनजर अब अर्ल ने प्रयोग प्रारम्भ किए। उसने एक सर्जिकल टेप लिया और उसे टेबल पर रखा। इसके बाद उसने एक गॉज लिया और उसे टेप के बीचोंबीच रखा। यह टेप आसानी से चमड़ी पर चिपक जाए और फिर निकल जाए-इसके लिए अर्ल ने उसके ऊपर कपड़ा भी लगा दिया। अब ऐसा टेप तैयार हो गया, जिसे जोसेफाइन चोट लगने पर बिना किसी की मदद के लगा सकती थी।