Hindi Story, Essay on “Upkar Ka Badla”, “उपकार का बदला” Hindi Moral Story, Nibandh for Class 7, 8, 9, 10 and 12 students

उपकार का बदला

Upkar Ka Badla

किसी राजा के दरबार में एक दास रहता था । राजा बहुत निर्दयी था । वह दास के साथ बहुत बुरा बर्ताव करता था । दास अपने मालिक के व्यवहार से तंग आ गया था । एक दिन वह राजदरबार से भागकर वन चला गया।

वन में दास ने एक सिंह को देखा । उसे देखकर दास डर गया । लेकिन सिंह ने उसे कोई क्षति नहीं पहुँचाई । सिंह दर्द से कराह रहा था । वह दास के निकट आ गया । उसने अपने पंजे उठा दिए । उसके पंजे में एक बड़ा-सा काँटा चुभा हुआ था । दास ने पंजे से काँटा निकाल दिया । उसने घाव पर पट्टी भी बाँध दी । इस तरह मुसीबत में दास ने सिंह की पूरी मदद की । दोनों मित्र बन गए । वे कई दिनों तक एक ही गुफा में साथ-साथ रहे।

कुछ दिनों के बाद दास को राजा के दूतों ने पकड़ लिया । उसे भूखे शेर के पिंजरे में डाल देने की सजा मिली । इस बीच जंगल से एक शेर को पकड़ा गया । उसे कई दिनों तक भूखा रखा गया । निश्चित तिथि को दास को उस भूखे शेर के पिंजरे में छोड़ दिया गया । इस बर्बरतापूर्ण दृश्य को देखने के लिए बहुत से लोग जमा हुए थे।

परन्तु यह क्या ! सिंह ने दास को देखा और उसके पैर सहलाने लगा। भूख से व्याकुल शेर ने दास को जरा भी हानि नहीं पहुँचाई । असल में यह वही सिंह था जिसकी मदद दास ने कुछ समय पूर्व वन में की थी। सब लोग इस दृश्य को अचरज से देख रहे थे । राजा को भी बहुत आश्चर्य हुआ। तब दास ने सब लोगों को पूरी कहानी बताई । राजा इससे बहुत प्रभावित हुआ। उसने दास को सदा के लिए मुक्त कर दिया ।

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