Hindi Story, Essay on “Musibat me kabhi Ghabrana nahi Chahiye”, “मुसीबत में कभी घबराना नहीं चाहिए” Hindi Moral Story, Nibandh for Class 7, 8, 9, 10 and 12 students

मुसीबत में कभी घबराना नहीं चाहिए

Musibat me kabhi Ghabrana nahi Chahiye

गधे का शिकार एक दिन एक गधा चरते-चरते दूर जंगल में निकल गया। । शाम होने वाली थी। जैसे ही वह घर वापस जाने के लिए मुड़ा उसने देखा सामने एक शेर खड़ा था। डर के मारे गधे की घिग्गी बंध गई। इधर शेर इतने मोटे ताजे शिकार को देखकर बहुत खुश था। वह गधे को खाने के लिए आगे बढ़ा। अपनी जान बचाने का उपाय सोचते हुए गधा शेर से बोला, “मैं बहुत भाग्यशाली हूँ जो जंगल के राजा का भोजन बनने जा रहा हूँ। पर शायद आपको गधों के विषय में जानकारी नहीं है कि उन्हें पीछे से खाया जाता है। यदि आप मुझे पिछली टाँगों के पास से खाना प्रारम्भ करेंगे तो मेरा मांस आपको अधिक स्वादिष्ट लगेगा।” शेर गधे की बातों में आ गया तथा उसकी पिछली टाँगों के समीप पहुँचा। जैसे । ही शेर ने गधे को खाने के लिए मुँह आगे बढ़ाया। गधे ने पूरी ताकत से जोरदार दुलत्ती शेर के, मुँह पर मारी और तेजी से घर की तरफ दौड़ लगा दी। अचानक हुए इस प्रहार से शेर घबरा छ गया तथा झााड़ियों में जाकर गिरा। जब तक वह सम्भलता, गधा अपनी जान बचाकर बहुत दूर निकल चुका था।

अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करके गधे ने अपनी जान बचा ली। इसीलिए तो कहते हैं मुसीबत में कभी घबराना नहीं चाहिए।

Leave a Reply