Hindi Story, Essay on “Mauka Dekhkar Baat Karna”, “मौका देखकर बात करना” Hindi Moral Story, Nibandh for Class 7, 8, 9, 10 and 12 students

मौका देखकर बात करना

Mauka Dekhkar Baat Karna

एक बार की बात है। जंगल के राजा शेर सिंह की तबीयत काफी लम्बे समय से खराब चल रही थी। जिसके कारण उनके शरीर से बहुत दुर्गन्ध आने लगी थी। जंगल के सभी के सभी  जानवर अपने राजा का हालचाल जानने के लिए उनके पास पहुँचे।।  दुर्गन्ध के कारण सभी जानवरों ने अपनी-अपनी नाक पर रूमाल रख लिया।

जानवरों को ऐसा करते देखकर राजा ने पूछा, “तुम सब ऐसा क्यों कर रहे हो?” रीछ ने डरते-डरते कहा, “महाराज, आपके मुँह से दुर्गन्ध आ रही है।” हाँ, आपके कपड़ों से भी बदबू आ रही है।” जेबरा बोला, ऐसा कहने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई, दुष्टों?” शेर सिंह ने गुस्से में कहा तथा दोनों को वहीं मार डाला। इसके बाद तो शेर सिंह प्रत्येक आने वाले से दुर्गन्ध के विषय में पूछता और उसके हाँकहने पर गुस्से में उस जानवर को तुरन्त मार देता। एक दिन एक लोमड़ी शेर का हाल-चाल जानने आई। शेर ने उससे भी वही सवाल किया। लोमड़ी ने इधर-उधर देखा। उसे कुछ जानवरों के मृत शरीर नजर आए। वह तुरन्त सारा मामला समझ गई और शेर को सम्बोधित करते हुए बोली, “महाराज, कुछ दिनों से मुझे जुकाम है, सो नाक बन्द होने के कारण मुझे गन्ध का पता नहीं चल रहा।” इतना कहकर चालाक। लोमड़ी अपनी जान बचाकर सरपट घने जंगल की तरफ भाग गई। अत: कहा गया है कि सदैव उचित मौका देखकर बात करनी चाहिए।

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