Hindi Story, Essay on “Lomdi aur Jangli Billi”, “लोमड़ी और जंगली बिल्ली” Hindi Moral Story, Nibandh for Class 7, 8, 9, 10 and 12 students

लोमड़ी और जंगली बिल्ली

Lomdi aur Jangli Billi 

एक लोमड़ी भोजन की तलाश में जंगल में भटक रही थी। तभी उसकी नजर एक जंगली बिल्ली पर गई। उसे भी खाने को कुछ नहीं मिला था।

और वह भी इसी तलाश में थी। उन दोनों ने परस्पर अभिवादन किया और मिल कर भोजन की तलाश करने लगे। इस दौरान वे आपस में पसंद व नापसंद के बारे में बातें करने लगे।

तुम्हें पता है, सभी जंगली जानवरों में से मुझे जंगली कुत्ते बहुत बुरे लगते हैं।” लोमड़ी ने बिल्ली से कहा।

बिल्ली ने गर्दन हिलाई, “मैं समझ सकती हूं कि तुम्हें इन जानवरों को देख कर कैसा लगता होगा।”

लोमड़ी ने डींग मारी, “वैसे दोस्त चिंता मत करना। मुझे इनसे बचने के भी हजारों तरीके आते हैं। ये हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते। ये सब मेरे आगे बेअसर हो जाते हैं।”

जंगली बिल्ली ने खुश हो कर कहा, “हजारों तरीके आते हैं। खैर मुझे तो एक ही उपाय पता है और हमेशा वही कारगर होता है।”

लोमड़ी ने यह सुन कर अफसोस जताया, “ओह! बस एक ही तरकीब आती है। चलो मैं तुम्हें सिखा दूंगी ताकि तुम सुरक्षित रह सको।”

तभी बिल्ली को दूर से जंगली कुत्ते आते दिखाई दिए। ज्यों ही बिल्ली ने उन्हें देखा। वह झट से छलांग लगा कर पेड़ पर चढ़ गई। वह अब उस शाखा पर पूरी तरह से सुरक्षित थी।

जब तक लोमड़ी को उन शिकारी कुत्तों के आने का पता चला। तब तक बहुत देर हो गई थी। उसने अपनी सारी तरकीबें लगाई पर उस कुत्तों के हाथों अपने को बचा नहीं सकी।

नैतिक शिक्षाः बहुत से अधूरे कौशलों के बदले, किसी एक कौशल की पूरी जानकारी कहीं बेहतर होती है।

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