Hindi Story, Essay on “Kar Bhala So Ho Bhala”, “कर भला सो हो भला” Hindi Moral Story, Nibandh, Anuched for Class 7, 8, 9, 10 and 12 students

कर भला सो हो भला

Kar Bhala So Ho Bhala

 

यदि हम चाहते हैं कि संकट में हमारी कोई सहायता करे तो हमें भी कष्ट में उनकी सहायता करनी चाहिए। चींटी और (चिड़िया) की कहानी इसी तथ्य को दर्शाती है।।

एक बार एक चीटी किसी वृक्ष की शाखा पर बैठी थी। वह वृक्ष नदी के किनारे पर था। अचानक हवा के झोके से चीटी नदी में गिर पड़ी और पानी के बहाव में बहने लगी। चींटी ने बचने का प्रयत्न किया लेकिन असफल रही। अब वह सहायता के लिए इधर-उधर देखने लगी। अचानक पेड़ पर बैठी चिड़िया ने उसे देखा। उस चिड़िया ने तुरन्त ही पेड़ की डाल से एक पत्ता तोड़ा और उसे पानी में चीटी के समीप डाल दिया। चीटी उस पत्ते पर बैठ गई। और वह चिड़िया पत्ते को पुन: चोंच पर उठाकर ले गई। इस प्रकार चींटी के जीवन की रक्षा चिड़िया ने की। ।

इसके कुछ दिन बाद जंगल में एक शिकारी आया और उसने उस पेड़ पर बैठी चिड़िया को निशाना बनाना चाहा। चिड़िया को इस का पता न था कि शिकारी आपकी जान लेना चाहता है। उस वृक्ष के तने पर बैठी चींटी की नजर उस शिकारी पर पड़ी। उसने देखा कि उसी चिडिया का जीवन संकट में है जिसने उसे जीवन दान दिया था। चाटी तुरन्त तने से उत्तर कर शिकारी की बांह पर चढ़ गई। चींटी ने शिकारी की बांह पर जोर से डंक मारा। शिकारी का निशाना चूक गया और तीर पत्तों से जा टकराया। चिडिया ने नीचे देखा कि शिकारी उसकी जान लेना चाहता था पर उस चींटी ने चिड़िया की जान बचा ली। चिडिया के नेक काम के बदले उसकी भी जान बच गई।

शिक्षा- कर भला हो भला। अन्त भले का भला।

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