Hindi Story, Essay on “Dusht par Daya Musibat hai”, “दुष्ट पर दया मुसीबत है” Hindi Moral Story, Nibandh for Class 7, 8, 9, 10 and 12 students

दुष्ट पर दया मुसीबत है

Dusht par Daya Musibat hai

एक गाँव में एक किसान रहता था। वह बहुत दयालु था। किसी को भी संकट में देखकर वह उसकी मदद करने के लिए तुरन्त तैयार हो जाता था। एक बार की बात है, एक दिन किसान ने रास्ते में एक लहलुहान साँप को पड़े देखा। साँप को इस तरह पड़े देखकर उसे दया आ गई तथा वह उसे उठाकर घर ले आया। उसकी पत्नी ने जब देखा कि किसान एक घायल विषैले साँप को लेकर घर आया है तो वह उससे बोली, “माना कि प्रत्येक आदमी को दयालु होना चाहिए, परन्तु दया करते वक्त उसे हमेशा इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि जिस पर दया की जा रही है, वह उस दया का पात्र है भी या नहीं।”

किसान ने उसकी बात को अनसुना कर दिया और साँप के घावों पर दवा लगाकर उसके पीने के लिए दूध लाने चला गया। कुछ देर में साँप को होश आया। दवा के कारण साँप के घाव से रक्त बहना बन्द हो गया था। अब तक किसान साँप के लिए कटोरे में। दूध ले आया था। जैसे ही उसने दूध का कटोरा साँप के पास रखा, अपनी प्रवृति के अनुरुप साँप ने उसे डस, लिया। साँप के जहर के प्रभाव से उस दयालु किसान की तुरंत मृत्यु हो गई। अत: कहा गया है कि दुष्ट पर दया नहीं करनी चाहिए क्योंकि दुष्ट अपनी दुष्टता कभी नहीं छोड़ता।

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