Hindi Story, Essay on “Dusht ke sath Dushta ka Vyahvar karna Chahiye”, “दुष्ट के साथ दुष्टता का व्यवहार करना चाहिए” Hindi Moral Story, Nibandh, Anuched for Class 7, 8, 9, 10 and 12 students

ऊँट और गीदड़

Unth aur Gidad

 

किसी जंगल में एक गीदड तथा ऊँट रहते थे। दोनों में मित्रता थी। ऊँट सीधा-सादा था पर गीदड अत्यन्त दुष्ट । गीदड़ ने ऊँट से कहा, “पास के खेत में मीठे गन्ने उगे हैं। आओ चलकर स्वाद लें।” ऊँट ने कहा, “खेत का मालिक पास ही रहता है। यदि उसने हमें देख लिया तो हमें पीटेगा। पर गीदड़ ने ऊँट की एक न सुनी तथा ऊँट को राजी करके, वे दोनों खेत में गन्ना खाने पहुंच गए। गीदड़ का जल्दी ही पेट भर गया। उसने ऊँट से कहा, मुझे हुकहुकी आ रही है।” ऊँट ने उत्तर दिया कि इसे सुन कर किसान आ जाएगा तथा हम दोनों को दण्ड देगा, पर दुष्ट गीदड़ न माना। उसने “हुआँ-हुआँ” करनी शुरू कर दी, जिसे सुन कर खेत का मालिक डण्डा लेकर दौड़ा आया। गीदड़ तो छिप गया पर ऊँट की काफी पिटाई हुई। वह खेत से भागा। गीदड़ भी चुपचाप उसके पीछे हो लिया। रास्ते में एक नदी पड़ती थी। गीदड़ ने ऊँट से उसे अपनी पीठ पर चढ़ा लेने की प्रार्थना की। ऊँट की पीठ पर मजे से बैठ कर नदी पार करने लगा। नदी के बीचो-बीच पहुंच कर उसने कहा भाई गीदड़, मुझे तो लुटी-लुटी आ रही है। गीदड़ भयभीत होकर बोला यदि तुमने ऐसा किया, तो मैं नदी में डूब जाऊँगा। ऊँट गीदड़ को सबक सिखाना चाहता था। वह नदी के बीचो-बीच जाकर नदी में लेटने लगा। इससे गीदड़ पानी में गिर गया और उसी में डूब गया।

शिक्षा- दुष्ट के साथ दुष्टता का व्यवहार करना चाहिए।

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