Hindi Story, Essay on “Bhagwan unki sahayata karta hai jo apni sahayata aap karte hai ”, “भगवान उनकी सहायता करता है जो अपनी सहायता आप करते हैं” Hindi Moral Story

भगवान उनकी सहायता करता है जो अपनी सहायता आप करते हैं 

Bhagwan unki sahayata karta hai jo apni sahayata aap karte hai 

 

एक बार एक गाड़ीवान लकड़ियों से भरी लेकर जंगल से घर लौट रहा था। रास्ते में उसे एक नाला पार करना था। नाला कीचड़ से भरा हुआ था सो उसकी गाड़ी का पहिया कीचड़ में फंस गया और पाला पार न कर सका।

गाड़ी का पहिया कीचड़ में फंसा देख गाड़ीवान बहुत निराश हुआ। उसने बैलों की खूब पिटाई की परन्तु पहिया टस से मस न हआ। अन्त में वह अपने देवता को पुकारता है, “है मेरे प्रभो मेरी सहायता करो। मैं मसीबत में फंस गया हूं।” देवता उस गाड़ीवान की पुकार सुनकर वहाँ आ पहुंचा और बोला, “अरे भूखे बैलों को मारने से या निराश होने से क्या गाड़ीका पहिया कीचड़ से बाहर आ सकेगा ? तुम स्वयं पहिये पर जोर लगाओ तथा बैलों को ललकारो, देखो गाड़ी कीचड़ से अवश्य बाहर आ जाएगी।

देवता की बात सुनकर गाड़ीवान अति प्रसन्न हुआ तथा बड़े उत्साह से उसने पहिये को बाहर निकालने का प्रयास किया। गाड़ी झट से कीचड़ से बाहर आ गई। गाड़ीवान खुशी से उछलता-कूदता हुआ बोला, “प्रभो आपने बहुत कृपा की जो मेरी गाड़ी कीचड़ से बार निकाल दी। मैं घर पहुंचते ही ही आपको प्रसाद चढ़ाऊंगा।” इस पर देवता मुस्कारए और बोले, “अरे भाई मैंने क्या किया है। अपने प्रयास द्वारा ही तुमने गाड़ी कीचड़ से बाहर निकाली है।” गाड़ीवान बहुत हैरान हुआ। देवता ने कहा, “मेरा कहने का अभिप्राय यह है कि जो आदमी दूसरों का मुंह ताकता है वह प्रभु की कृपा नहीं पाता; और जो आदमी अपना काम करने में तत्पर रहता है। वह मानो अपनी सहायता ‘आप ही करता है। मैं ऐसे आदमी पर प्रसन्न रहता हूं और उसे सहायता पहुंचाता हूं।”

इतना कह कर देवता अदृश्य हो गया और गाड़ीवान देवता की उसी बात पर विचार करने लगा।

शिक्षा- जो अपनी सहायता आप करता है भगवान भी उसी की ही सहायता करता है।

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