Hindi Letter on “Yuvako me Pashchimi Sabhyata ke dushprabhavo ke sambandh me sampadak ko patra”, “युवकों में पश्चिमी सभ्यता के दुष्प्रभाव के संबंध में”.

पश्चिमी सभ्यता के दुष्प्रभाव से युवकों में बढ़ती जा रही अनैतिकता, अपनी संस्कृति के प्रति अरुचि एवं मादक द्रव्यों की बढ़ती प्रवृत्ति के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए जनसत्ताके संपादक को पत्र लिखिए।

 

संपादक महोदय,

जनसत्ता,

बहादुरशाह जफ़र मार्ग

नई दिल्ली-110002

विषय : युवकों में पश्चिमी सभ्यता के दुष्प्रभाव के संबंध में।

महोदय,

मैं इस पत्र के माध्यम से भारत में पश्चिमी सभ्यता के बढ़ते दुष्प्रभावों पर अपने विचारों को जनता तक पहुँचाना चाहता हूँ। इसे अपने पत्र के ‘जनवार्ता’ शीर्षक के अंतर्गत प्रकाशित करें।

आज दूरदर्शन, चलचित्र, इंटरनेट तथा पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से पश्चिमी सभ्यता का प्रचार-प्रसार हो रहा है। विदेशी चैनलों, फ़िल्मों में दिखाए जाने वाले कार्यक्रमों द्वारा भारत की युवा पीढ़ी दिग्भ्रमित हो रही है। युवक अपनी संस्कृति को भूलकर पश्चिमी सभ्यता का अंधानुकरण कर रहे हैं तथा अपने नैतिक मूल्यों व कर्तव्यों को भूलकर मादक द्रव्यों का सेवन करने लगे हैं। जिन बुरी आदतों को पश्चिमी जगत छोड़ रहा है, उन्हें हमारी युवा पीढ़ी अपना रही है। इन पश्चिमी दुष्प्रभावों को अपनाने से वे माता-पिता, गरुजन आदि की उपेक्षा करने लगे हैं तथा अपने रास्ते से भटक गए हैं।

आशा है आप मेरे विचारों से सहमत होंगे तथा मेरे विचारों को जनता तक पहुँचाएँगे ताकि इन दुष्प्रभावों से हम अपनी युवा पीढ़ी को बचा सकें।

धन्यवाद।

भवदीय,

क०ख०ग०

दिनांक : 02.02.20……

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