Hindi Letter on “Shahar me Badhti Apradhik gatividhiyo ke sambandh me Sampadak ko patra”, “बढ़ती अपराधवृत्ति के संबंध में संपादक को पत्र”.

समाज में बढ़ती अपराध प्रवृत्ति पर चिंता प्रकट करते हुए, उस पर रोक लगाने के लिए कारगर उपाय करने का आग्रह करते हुए किसी समाचार-पत्र के संपादक के माध्यम से अपनी बात प्रशासन तक पहुँचाइए।

 

 

दयाप्रकाश वत्स,

अध्यक्ष, भ्रष्टाचार निरोधक अभियान,

कनॉट प्लेस, नई दिल्ली।

संपादक महोदय,

दैनिक जागरण,

नई दिल्ली।

विषय : बढ़ती अपराधवृत्ति के संबंध में।

महोदय,

आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से मैं समाज में बढ़ती अपराधवृत्ति की ओर प्रशासन तक अपने विचार पहुँचाना चाहता हूँ। आपसे आग्रह है कि आप मेरे इस पत्र को अपने समाचार-पत्र में प्रकाशित करने की कृपा करें। आज समाज में जिस प्रकार तथा जिस गति से अपराध प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है, वह अत्यंत चिंता का विषय है। आज जिधर देखिए भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, भाई-भतीजावाद तथा अनैतिक घटनाएं हो रही हैं। इनके कारण समाज से नैतिक मूल्यों का ह्रास हो गया है, लोगों का जीवन असुरक्षित हो गया है। अपराधी सरेआम कानून की धज्जियाँ उड़ाकर भी बेखौफ़ घूमते नज़र आते हैं। दिन दहाड़े महिलाओं से छेड़खानी की जाती है। इन घटनाओं को रोकने में पुलिस भी लाचार नज़र आती है। कुछ राज्यों में अपहरण तथा फिरौती की घटनाएँ जिस तेजी से बढ़ी हैं, उसे देखकर लगता है कि अपराधियों को किसी का भी भय नहीं है।

मेरा प्रशासन, राज्य तथा केंद्र सरकार से आग्रह है कि इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगाया जाए तथा अपराधियों को सख्ती से कुचला जाए। इस प्रकार की विशेष अदालतों का गठन किया जाए, जो बलात्कार, अपहरण, हत्या जैसे जघन्य कृत्यों को अंजाम देने वाले अपराधियों को बहुत थोड़े समय में ही कड़ी सजा दे सकें।

सधन्यवाद।

भवदीय,

दयाराम वत्स

दिनांक 10.04.20….

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