Hindi Letter on “Loudspeakers sa hone wali asuvidha ke sambandh me Sampadak ko Patra”, “लाउडस्पीकरों से होने वाली असुविधा के संबंध में संपादक को पत्र”.

किसी प्रसिद्ध समाचार-पत्र के संपादक को लाउडस्पीकरों से होने वाले शोर से होने वाली असुविधा की ओर संकेत करते हुए पत्र लिखिए।

 

मंगतराम वशिष्ठ,

प्रधान, लोकायतन,

तिलक नगर।

संपादक महोदय,

नवभारत टाइम्स,

दिल्ली।

विषय : लाउडस्पीकरों से होने वाली असुविधा के संबंध में।

महोदय,

आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से मैं दिल्ली जैसे महानगर में लाउडस्पीकरों से होने वाली असुविधा के संबंध में अपनी बात दिल्ली प्रशासन तथा पलिस विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुँचाना चाहता हूँ। आपसे अनुरोध है कि आप मेरे इस पत्र को ‘लोगों को शिकायत है’ शीर्षक के अंतर्गत छापने का कष्ट करें। दिल्ली जैसे महानगर में जहाँ कई प्रकार की समस्याएँ विद्यमान हैं, वहीं ध्वनि प्रदूषण की समस्या से भी लोग परेशान हैं। स्थान-स्थान पर लाउडस्पीकरों के अनियंत्रित प्रयोग के कारण लोगों को बहुत असुविधा का सामना करना पड़ता है।

विभिन्न धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों का खुलकर प्रयोग किया जाता है। यद्यपि नियमानुसार इनका प्रयोग देर रात तक नहीं किया जा सकता, परंतु फिर भी इनका प्रयोग होता रहता है। इनकी तेज आवाज़ के कारण विदयार्थियों को बहुत असुविधा होती है तथा लोगों को भी नींद नहीं आती। इनके कारण ध्वनि प्रदूषण भी होता है।

धार्मिक स्थलों में देर रात तक तो इनका प्रयोग होता ही है, साथ ही प्रात:काल चार बजे से इनका प्रयोग फिर शुरू हो जाता है। यदि इनकी आवाज़ धीमी रहे तो कोई बात नहीं, पर इनकी आवाज बहत ऊँची होती है।

मेरा प्रशासन तथा उच्च अधिकारियों से आग्रह है कि इन ध्वनि विस्तारकों के अनियंत्रित प्रयोग के संबंध में आवश्यक कदम उठाएँ। सधन्यवाद।

भवदीय,

मंगतराम वशिष्ठ

दिनांक : 11-03-20……

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