Hindi Essay, Story on “Kove se Kabelva Husiyar”, “कौए से कबेलवा हुंसियार” Hindi Kahavat for Class 6, 7, 8, 9, 10 and Class 12 Students.

कौए से कबेलवा हुंसियार

Kove se Kabelva Husiyar

देहाती रूप है-“कौआ से कबेलवै (कौए का बच्चा) हुसियार।”

कोई कौआ अपने बच्चे को सिखलाने लगा कि जब किसी को ढेला उठाते देखो तो फौरन उड़ जाना। उसने कहा, “अगर वह पहले से ही हाथ में ढेला लिए हो तब?”

“तब तुम्हें कुछ कहना-समझाना नहीं है, तुम मुझसे ज्यादा होशियार हो।”

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