Hindi Essay, Story on “Kova Kaan Le Gya”, “कौआ कान ले गया” Hindi Kahavat for Class 6, 7, 8, 9, 10 and Class 12 Students.

कौआ कान ले गया

Kova Kaan Le Gya

 

एक बेवकूफ से किसी ने कहा, “अरे, बात नहीं सुनता है, तेरे कान कौआ ले गया क्या?” इसी समय पास के पेड़ पर बैठा हुआ एक कौआ उड़ा। यह मूर्ख उस कौए के पीछे दौड़ा और चिल्लाता गया कि कौआ मेरे कान ले गया। किसी बुद्धिमान ने दूर से यह बात सुनी। मन में सोचा, कौआ कहीं किसी के कान ले जाता है? पास आने पर उस आदमी को देखा तो उसके दोनों कान मौजूद थे। पूछा, “अरे, कौआ किसके कान ले गया?”

“मेरे।” “कौन कहता है?” बेवकूफ बोला, “उस आदमी ने कहा।”

लेकिन अपने कान संभाले बिना ही तुम सिर्फ उस आदमी के कहने पर कौए के पीछे दौड़ पड़े। इसीसे लोग कहते हैं कि “बेवकूफों के सिर सींग नहीं होते।” यानी वे अपनी करतूत से पहचाने जाते हैं, किसी बाहरी चिह्न से नहीं।

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