Hindi Essay, Story on “Jis Karan Mund Mundaya”, “जिस कारण मूंड मुंडाया” Hindi Kahavat for Class 6, 7, 8, 9, 10 and Class 12 Students.

जिस कारण मूंड मुंडाया, वो ही दुःख आगे आया

Jis Karan Mund Mundaya

किसी गांव में एक आलसी आदमी था। कोई काम उससे न होता था। उसे बराबर घरवालों की डांट-फटकार सहनी पड़ती थी। उसने अपने ही जैसे किसी दोस्त से सलाह मांगी कि क्या करे। दोस्त ने सुझाया कि मुंड-मुंडाकर बैरागियों की किसी जमात में जा मिल, वहां मुफ्त में खाने को मिलता रहेगा।

उसने ऐसा ही किया। मूंड-मुंडाकर एक जमात के महंत के पास गया। महंत ने पूछा, “क्या काम जानते हो? जमात में कुछ काम करना होगा।”

उसने जवाब दिया, “काम ही करना होता तो मैं घर से क्यों निकलता?” फिर मन में बोला, “जिस कारण मूंड मुंडाया वो ही दुःख आगे आया।”

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