Hindi Essay, Paragraph, Speech on “ My Country—India ”, “मेरा देश-भारतवर्ष”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students.

मेरा देश-भारतवर्ष

(My Country—India)

“हाँ वृद्ध भारतवर्ष ही संसार का सिरमौर है

ऐसा पुरातन देश भी क्या विश्व में कोई और है?

भूमिका-पृथ्वी पर स्वर्ग, ऋषियों-मुनियों की भूमि, शकुंतला और दुष्यंत का भारत, जो कभी सोने की चिड़िया कहलाता था, आज भी विश्व-शिरोमणि है। देवताओं का दुलारा है मेरा भारवतर्ष।

नाम की कथा-आर्यावर्त नाम के इस देश का नाम भारत, दुष्यंत के वीर पुत्र भरत के नाम पर पड़ा। मुस्लिम शासकों ने इसका नाम हिंदुस्तान दिया और अंग्रेज़ों ने इसका नाम इंडिया रखा। स्वतंत्र देश के संविधान में भारत गणराज्य विश्व के मानचित्र पर अंकित किया गया है।

नष्ट करने के प्रयत्न-सोने की चिड़िया कहलाने वाले इस देश को विदेशियों ने किस प्रकार लूटा, इसकी एक लंबी कहानी है। इस देश पर यूनानी, मुगल, अंग्रेज शासन कर गए। अनेक शासक तो भारत से सोने, चाँदी, बहुमूल्य हीरे आदि लूटकर अपने देश ले गए। इस प्रकार जहाँ विदेशियों ने भारतीय संस्कृति को नष्ट करने का प्रयत्न किए, वहीं उन्होंने भारत के खजाने को भी दोनों हाथों से लूटा। स्वतंत्र भारत-आज भारत पूर्ण प्रभुता-संपन्न राष्ट्र है। आज भारत की ओर कोई आँख उठाकर देख नहीं सकता। स्वतंत्र भारत उन्नति कर विश्व के बड़े देशों की गिनती में आ गया है।

भौगोलिक स्थिति-हिमालय से कन्याकुमारी तक और इधर अंतरीप तक विशाल भारत नदियों, पर्वतों, खेतों और मैदानों तथा खानों का भंडार है। इसके गर्भ में अनेक बहुमूल्य खजाने भरे पड़े हैं।

धार्मिक अखंडता-भारत में अनेक धर्मों एवं संस्कृतियों के लोग रहते हैं। यहाँ अनके जातियाँ हैं। उनके रहन-सहन, खान-पान में काफी अंतर है। फिर भी उनमें एकता है। धार्मिक दृष्टि से भारत अखंड है। अनेकता में एकता भारत की विशेषता है।

कृषि प्रधान देश-भारत के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। यहाँ की अधिकतर जनसंख्या ग्रामों में बसती है। भारत में गेहूँ, मक्का, ज्वार, बाजरा, चना, धान, गन्ना आदि की फसल होती है। अन्न की दृष्टि से भारत आत्मनिर्भर है।

वैज्ञानिक प्रगति-रोहिणी उपग्रह नाग, त्रिशूल, आकाश, वज्र, अग्नि आदि भारत की वैज्ञानिक प्रगति की नवीन उपलब्धि है। विज्ञान के क्षेत्र में भारत ने स्वतंत्रता के पश्चात् अभूतपूर्व उन्नति की है। परमाण परीक्षण में भी हमें सफलता मिली है। देश में औद्योगिक प्रगति, विज्ञान की उन्नति की द्योतक है।

संतों की भूमि-भारत संतों की भूमि है। यहाँ भगवान राम, कृष्ण जैसे आदर्श पुरुष बुद्ध, नानक विवेकानंद, स्वामी दयानंद, गांधी जैसे समाज सुधारक हुए हैं। कालिदास, सूर, तुलसी, कबीर, जयशंकर प्रसाद आदि अनेक कवि यहाँ सम्मानित हुए हैं। वीरों की भूमि-भारत वीरों की भूमि रहा है। सदियों से क्षत्रिय इस देश की रक्षा करते आए हैं। राजपूत, मराठे आदि योद्धा विश्व प्रसिद्ध हैं। आज भी लोग भारत की आन-बान के लिए जान देने को तैयार रहते हैं। यहाँ के लोगों में देशुभक्ति की भावना कूट-कूटकर भरी हुई है। भारत वर्ष का परिचय देते हुए कवि ‘हंस’ ने ठीक ही तो कहा है- नदियाँ भी यहाँ दूध पिला सकती हैं, जल स्पर्श से मुर्दो को जिला सकती हैं। यह देश है वह जहाँ माताएँ, भगवान को गोदी में खिला सकती हैं।। जनता का शासन-भारत में भारत के लिए भारतीयों द्वारा ही शासन चलाया जाता है। प्रत्येक व्यक्ति को समान अधिकार है। चाहे वह राष्ट्रपति हो या भारत का सामान्य नागरिक। सच्चे अर्थों में यहाँ प्रजातंत्र है।

उपसंहार-मेरा देश महान है। यहाँ मनभावनी छः ऋतुएँ होती हैं। प्रकृति की कृपा इस पर सदा रहती है। सीधे-सादे, भोले-भाले ग्रामीण अपने देश का भरण पोषण करते हैं। यहाँ के लोग उद्यमी हैं। मेरा देश भारतवर्ष महान है। विश्व-शिरोमणि भारत पर हम सबको गर्व है। परमात्मा करे भारत दिन दुगुनी रात चौगुनी उन्नति करे।

अलग सभी के पूजा-घर हैं, अलग धर्म ईमान हैं।

लेकिन मेरा मंदिर-मस्जिद, प्यारा हिंदुस्तान है।।

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