अनुशासन
‘अनुशासन’ शब्द ‘अनु’ और ‘शासन’ इन दो शब्दों के मेल से बना है। ‘अन्’ उपसर्ग है, जिसका अर्थ पश्चात् या साथ और ‘शासन’ का अर्थ है-नियम या विधान। इस प्रकार अनुशासन का सीधा-सादा अर्थ हुआ-नियमों का पालन करना। नियमों का पालन दो प्रकार से किया जाता है-दंड आदि के भय के कारण (बाह्य अनुशासन) या स्वेच्छा से (आत्मानुशासन)। बाह्य अनुशासन हमारा विवशता का द्योतक है जबकि आत्मानुशासन हमारे हृदय द्वारा प्रेरित। किसी भी राष्ट्र की उन्नति का एकमात्र आधार वहाँ के निवासियों की अनुशासन-भावना है। छात्र-जीवन में तो अनशासन का और भी महत्त्व है क्योंकि इस काल में पड़े संस्कार, प्रवृत्तियाँ, आदतें जीवन भर पीछा नहीं छोड़तीं। इसलिए विद्यार्थी को अनुशासनहीनता से दूर रहना चाहिए।