Hindi Essay, Paragraph on “LHockey ka Khel”, “हॉकी का खेल”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

हॉकी का खेल

Hockey ka Khel 

 

हॉकी एक स्टिक और बॉल का खेल है। यह दुनिया के 70 से अधिक देशों में खेला जाता है। भारत और पाकिस्तान का तो यह प्रमुख खेल है। इसके अलावा ये ब्रिटेन, साऊथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी आदि देशों में भी खूब खेला जाता है। हॉकी में दो टीम होती हैं और प्रत्येक टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं, यद्यपि हॉकी का खेल 5, 6 या 7 खिलाड़ी भी खेल सकते हैं। एक टीम में एक गोलकीपर, दो बैक्स (पीछे वाले खिलाड़ी), तीन हाफ (बीच के खिलाडी) और पाँच फॉरवर्ड (आगे के खिलाड़ी) होते हैं।

हॉकी का इतिहास अर्जेंटीना से जुड़ा हुआ है। सोलहवीं शताब्दी में लोग वहाँ यह खेल अपना समय बिताने के लिए खेला करते थे। इस ‘चेउका’ कहा जाता था। तब इस खेल में 4, 6 अथवा 8 खिलाड़ी ही  होते थे।

यह खेल विश्व के अधिकांश हिस्सों में घास के मैदान पर खेला जाता है। यह घास का मैदान 100 गज (92 मीटर) लंबा और 55 से 60 गज (50-55 मीटर) चौड़ा होना चाहिए। एक लंबी सफेद रंग की सीमारेखा (बॉउंड्री लाइन) होती है जिसे गोल लाइन भी कहते हैं। यह लाइन 8 से.मी. चौड़ी होती है। पिच के चारों ओर एक सेंटर लाइन भी होती है। और प्रत्येक गोल लाइन की 25 गज (23 मीटर) की एक ब्रोकन लाइन भी होती है।

आमतौर पर खेल का कुल समय 70 मिनट का होता है। जो 35-35 मिनट के दो भागों में होता है। खेल के मध्य में 5 से 10 मिनट का मध्यांतर (इंटरवल) होता है। इंटरवल के बाद टीमें अपना पाला बदल लेती हैं।

इस खेल का लक्ष्य बहुत साधारण है-प्रतिद्वंद्वी टीम के गोल में गेंद को पहुँचाना। जो टीम ज्यादा गोल करती है, वही विजयी होती है। एक गोल तब होता है जब बॉल गोल लाइन को पूरी तरह से पार कर जाती है। बॉल को हॉकी से मारा जाता है और हॉकी से बॉल पर नियंत्रण करते हुए गोल किया जाता है। विपक्ष के खिलाड़ी बीच में ही बॉल को रोकने का प्रयास करते हैं जिससे वे अपने ऊपर होने वाले गोल को बचा सकें।

एक हॉकी के खिलाड़ी को रुककर बॉल को हिट करने में दक्ष की आवश्यक होता है। बॉल को मारते समय खिलाड़ी को हॉकी दोनों की से कसकर पकड़नी होती है। हॉकी पकड़ते समय बायाँ हाथ कपा दायाँ हाथ नीचे होता है। फिर खिलाड़ी स्ट्रोक लगाते हैं; जैसे-पुश, फिला अथवा स्कूप। स्ट्रोक लगाते समय खिलाड़ी को अपनी टाँगे फैला चाहिए जिससे वह अपने शरीर का संतुलन बनाए रखे और अपने पारी को जिधर भी चाहे उधर आसानी से मोड़ सके। बॉल को ग्राउंड पर रखने के इरादे से जो स्ट्रॉक लगाते हैं, उसे पुश स्ट्रॉक कहते हैं। बॉल को ऊपर उठाने के लिए जो प्रहार किया जाता है, उसे फ्लिक स्ट्रॉक कहते हैं और जब हिट करने के बाद बॉल विपक्षी टीम के ऊपर से होकर जाती है. उसे स्कूप कहते हैं।

हॉकी का खिलाड़ी शर्ट, बूट और शॉर्ट अथवा स्कर्ट पहनते हैं। गोलकीपर फेस गार्ड, दस्ताने, पैड, किकर्स, हैडगियर और ऐल्बो पैड पहनते हैं।

भारत में हॉकी का स्वर्णिम इतिहास रहा है। सन् 1928, 1932 और 1936 में ‘हॉकी के जादूगर’ ध्यानचंद ने ओलंपिक में लगातार तीन बार स्वर्ण पदक जीतकर दुनियाभर में भारत की धाक जमा दी थी। उन्होंने अमेरिका को एक ही मैच में 24-1 गोल से हराकर ऐसा रिकॉर्ड कायम किया था जो आज तक नहीं टूटा है। भारत में हॉकी खेल को उसी शिखर पर पहुँचाने के लिए आज उसी खेल-भावना और लगन की आवश्यकता है, जो ध्यानचंद में थी।

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