Hindi Essay, Paragraph on “Delhi ka Lal Quila”, “दिल्ली का लालकिला”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

दिल्ली का लालकिला

Delhi ka Lal Quila

निबंध नंबर :- 01

दिल्ली का लालकिला आज एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। इस प्रतिदिन हजारों पर्यटक देखने आते हैं। सन् 2007 में इसे यूनेस्को वर्ल्ड हैरिटेज साइट ने भी अपने रिकार्ड में स्थान दे दिया है। अब यह दुनिया की धरोहर बन गया है।

इसका निर्माण कार्य मुगल सम्राट शाहजहाँ ने 1638 ई० में आरंभ करवाया था और सन् 1648 में दिल्ली के लालकिले का निर्माण हो गया था। लालकिले की रूपरेखा (नक्शा) सलीमगढ़ किले से ली गई थी। यह मुगल काल की एक अद्भुत रचना है।

दिल्ली के लालकिले के निर्माण के पश्चात् औरंगजेब और अन्य मुगल सम्राटों ने इसमें बहुत से सुधार और निर्माण किए। अंग्रेजों के शासनकाल में दिल्ली का लालकिला सेना की छावनी के लिए इस्तेमाल होता था और स्वतंत्रता के पश्चात् आज भी यह सेना के आधीन है।

शाहजहाँ के शासनकाल में, लालकिला शाहजहाँ की नई राजधानी शाहजहाँबाद का महल था, जो दिल्ली राज्य का मुस्लिम सातवाँ शहर था। शाहजहाँ अपनी आगरा राजधानी को शाहजहाँबाद लाए थे ताकि उनकी शान-शौकत में चार चाँद लग जाएँ।

दिल्ली का लालकिला यमुना नदी के किनारे पर स्थित है। इसकी दीवारों के चारों ओर खाई है। इसकी दीवार का उत्तरी-पूर्वी कोना पुराने किले सलीमगढ़ किले के नज़दीक से होकर जाती है, जिसे इस्लाम शाह सूरी ने 1546 ई० में बनवाया था।

दिल्ली के लालकिले की दीवार 1.5 मील (2.5 कि.मी.) लम्बी और 60 फीट (16 मी.) ऊँची है। लालकिला मानव-कला का एक उत्कृष्ट नमूना है। यह पारसी, यूरोपीय और भारतीय कला का मिश्रण है। यह भारत की एक मुख्य इमारत है। सन् 1913 में इसे भारत ने महत्व देना प्रारंभ किया और इसकी सुरक्षा एवं सरक्षण के प्रयास किए जाने लगे। इसके दो मुख्य गेट हैं-दिल्ली गेट और लाहौरी गेट। लाहौरी गेट लालकिले का मुख्य प्रवेश द्वार है। जैसे ही हम लाहौरी गेट में प्रवेश करते हैं, बाज़ार आरंभ हो जाता है। वहीं छत्ता चौक भी है। इस सड़क के दक्षिणी छोर पर दिल्ली गेट है।

लालकिले के अंदर अन्य मुख्य दर्शनीय इमारतें भी हैं, जैसे–नक्कारखाना; जो लाहौरी गेट और छत्ता चौक के मध्य में है। यह महल के मुख्य द्वार पर है। यहाँ संगीतकारों की गैलरी (संगीतज्ञ-दीर्घा) थी। इसी कारण इस स्थान का नाम नक्कारखाना पड़ गया। लालकिले में दीवाने-ए-आम है; जहाँ आम दर्शकगण उपस्थित होते थे। वहीं पर बालकानी में सम्राट का हीरे-जवाहरत से सुसज्जित सिंहासन भी था। वहाँ बैठकर बादशाह जनता को संबोधित करता था। इसके अतिरिका लालकिले में है नहर-ए बहिश्त; जो शाही व्यक्तिगत कमरा है, जो से यमुना नदी को बहते हुए देखा जा सकता है। इसका निर्माण का में वर्णित स्वर्ग के अनुरूप कराया गया था। लालकिले में रंगमहल जो केवल रानियों के लिए था। एक खास महल है; जहाँ से राजा प्रतिदिन लोगों की कारगुजारियाँ देखता था। एक दीवान-ए-खास है; जिस इस्तेमाल मंत्री और अन्य खास लोग करते थे। एक मोती मस्जिद है। यह 1659 में बाद में बनवाई गई थी। यह औरंगजेब की व्यक्तिगत मस्जिद थी जो शाहजहाँ का उत्तराधिकारी था। एक हयात बख्श बाग है; जिसे मुगल वंश के अंतिम बादशाह बहादुर शाह ज़फर ने सन् 1842 में बनवाया। था। जिसके बीच में एक तालाब है और जिसमें जल के दो स्रोत हैं। इन सभी आकर्षक स्मृति-चिन्हों को देखने हज़ारों लोग लालकिला देखने आते हैं। दिल्ली के लालकिले की प्राचीर से हर वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं। नि:संदेह लालकिला भारत की शान है।

निबंध नंबर :- 02

लाल किला

लाल किले का निर्माण सन् 1648 में हुआ था। यह मुगल सल्तनत की भव्यता का प्रतीक है। यह उनकी शक्ति और राजसी ठाट को दर्शाता है। इसका निर्माण सम्राट शाहजहाँ ने करवाया था। यह लाल रंग के पत्थर बना हुआ है। यह एक विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारक है।

लाल किला यमुना नदी के पश्चिमी किनारे पर स्थित है। इसके बिल्कल सामने प्राचीन जामा मस्जिद और प्रसिद्ध चांदनी चौक है। दिल्ली के लाल किले की तरह आगरा में भी एक लाल किला है। उसे आगरे का किला कहते हैं जिसका निर्माण अकबर ने करवाया था।

लाल किले में कई सुन्दर इमारतें हैं। राजा दीवान-ए-आम में लोगों से मिला करता था जो कि बहुत सुन्दरता से सजाया गया एक कक्ष था। राजा अपनी महत्त्वपूर्ण बैठकों का आयोजन दीवान-ए-खास में करता था। इस कक्ष में प्रसिद्ध मोर की आकृति का एक सिंहासन था जिसे नादिर शाह ने चुरा लिया था। वह इसे चुराकर ईरान ले गया।

इस कक्ष के साथ निजी निवास स्थल हैं। मनोरंजन के सभी समारोह रंग महल में हुआ करते थे जो कि इसका एक मुख्य आकर्षण है। इसके पास ही मोती महल एवं मोती मस्जिद स्थित है।

सैलानी (पर्यटक) शाह बुर्ज एवं युद्ध सामग्री के संग्रहालय को भी शौक से देखते हैं। किले के प्रवेश द्वार पर प्रसिद्ध मीना बाजार स्थित है। यहाँ से कलात्मक एवं सज्जा का साजो-सामान रुचि अनुसार खरीदा जा सकता है। किले से यमुना नदी का सुन्दर दृश्य दिखाई पड़ता है।

पति वर्ष स्वतन्त्रता दिवस के दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले पर दीय ध्वज फहराते हैं और वहाँ से भारत की जनता को सम्बोधित करते हैं।

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