Hindi Essay, Paragraph on “Cricket ka Khel”, “क्रिकेट का खेल”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

क्रिकेट का खेल

Cricket ka Khel 

व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए शिक्षा और भोजन ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि खेलकूद भी परम आवश्यक है। खेल जहाँ एक ओर मनोरंजन करते हैं वहीं दूसरी ओर इनसे बच्चों में अनुशासन और परस्पर सद्भाव जागृत होता है। आजकल हॉकी, फुटबॉल वालीबॉल, बास्केटबॉल, टेनिस, बैडमिंटन और क्रिकेट आदि खेलों के आयोजन होते रहते हैं। इनमें क्रिकेट मेरा प्रिय खेल है। आज सर्वत्र इसका बोलबाला है। एकदिवसीय क्रिकेट मैचों ने इसे और भी अधिक लोकप्रिय बना दिया है।

प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष नवंबर में हमारे विद्यालय में खेलों का आयोजन हुआ। इसमें हमारे विद्यालय की क्रिकेट टीम का मुकाबला म.डी. जैन कॉलेज की क्रिकेट टीम से हुआ। हमारे कॉलेज की क्रिकेट टीम नगर की एक सुदृढ़ टीम है। क्रिकेट का आयोजन जिमखाना मैदान में हुआ, जो नगर के बीचोंबीच स्थित है। दोनों टीमों का मुकाबला बहुत रोमांचक रहा, जिसकी याद सदैव ताज़ा रहेगी।

यह मैच 50-50 ओवरों का था। खेल सुबह नौ बजे शुरू होना था। दोनों विद्यालय के छात्र और अन्य दर्शक वहाँ उपस्थित हो गए। मैदान के चारों तरफ दर्शकों के लिए अच्छी व्यवस्था थी। तभी दोनों टीम के कप्तान आए। सिक्का उछाला गया। टॉस हमारी टीम ने जीता और पहले खेलने का निर्णय किया। फिर हमारी टीम बल्लेबाजी के लिए मैदान में पहुँच गई।

दोनों बल्लेबाजों ने दूसरे विकेट की साझेदारी में 120 रन बनाए। उसके बाद कोई भी बल्लेबाज पिच पर टिक नहीं सका। ‘तू चल, मैं आया’ की कहावत चरितार्थ हो गई और 204 रन बनाकर हमारी टीम ऑल आउट हो गई। फिर भोजनावकाश हो गया। दर्शकों में कुछ चहलकदमी-सी हुई। अवकाश समाप्त हुआ, तो एम.डी. जैन कॉलेज की टीम बल्लेबाजी करने आ गई। परंतु हमारी सधी हुई गेंदबाजी ने उन्हें रन नहीं बनाने दिए। 40 ओवर में उनके सिर्फ 162 रन ही बन पाए थे। फिर हमारे गेंदबाजों का हौसला बढ़ा और 48 ओवर में 190 रन पर उनके सभी बल्लेबाज एक-एक करके पवेलियन लौट गए और हमारी टीम ने विजय हासिल कर ली। फिर बहुत से विद्यार्थी मैदान में उतर आए और उन्होंने हमारे गेंदबाजों को कंधों पर उठा लिया।

खेल की समाप्ति पर मुख्य अतिथि ने पुरस्कार वितरण किया। हमारी टीम के बल्लेबाज को ‘मैन ऑफ द मैच’ घोषित किया गया। हमारी टीम के कप्तान को शील्ड दी गई। इसके बाद छात्रों की तालियों की गड़गडा से आकाश गूंज उठा। इस प्रकार यह क्रिकेट प्रतियोगिता संपन्न हुई। इसके रोमांचक क्षण आज भी मेरी स्मृति में ताजा बने हुए हैं।

Leave a Reply