Hindi Essay, Paragraph on “Badminton  ka Khel ”, “बैडमिंटन का खेल”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

बैडमिंटन का खेल

Badminton  ka Khel 

बैडमिंटन एक इन-डोर खेल है। अधिकांशतः यह खेल चारदीवारा। के अंदर खेला जाता है। इस खेल को नेट (जाल) के दोनों ओर एक-एक या दो-दो खिलाड़ी खेलते हैं। यह नेट दोनों छोर से 5 फीट और एक इंच (1.55 मीटर) ऊँचा तथा बीच में 5 फीट (1.524 मीटर) ऊँचा होता है। इसके खेल-प्रांगण की लंबाई 44 फीट (13.41 मीटर) तथा चौडाई 20 फीट (6.10 मीटर) होती है। खेल-प्रांगण का मैदान समतल होता है, परंतु फिसलन भरा नहीं होता।

बैडमिंटन खेल का नाम ग्लूसेस्टरशायर में बैडमिंटन में ब्यूफोर्ड के ड्यूक के नाम पर पड़ा है। ऐसा माना जाता है कि सन् 1870 से इस खेल की शुरूआत हुई। प्रारंभ में यह खेल चिड़िया (शटलकॉक) और बल्ले से बच्चे खेला करते थे। इस खेल को सेना के अधिकारी इंग्लैण्ड से भारत लाए थे। फिर बाद में इस खेल के नियम बनाए गए और 1893 में बैडमिंटन एसोसिएशन की स्थापना की गई।

जब खेल प्रतियोगिता होती है, तो यह खेल तीन बार खेला जाता है और हर बार खेलने पर जीतने वाली टीम को 15 प्वांइट मिलते हैं। मैच शुरू होने से पहले सिक्का उछाला जाता है। इसके बाद तय होता है कि पहले कौन-सी टीम खेलेगी।

इस खेल में उस स्ट्रॉक (रैली) को नहीं माना जाता, यदि ये गलतियाँ हो जाएँ-

  1. यदि शटल (चिड़िया) खेल-प्रांगण की उचित परिधि से बाहर गिर जाए।
  2. यदि शटल को खेल प्रांगण की ज़मीन से मारा जाए या शटल बॉउंड्री (सीमा) से बाहर चली जाए या नेट से होकर न जा
  3. यदि शटल रैकेट में ही अटक जाए या एक ही खिलाडी उसका सहयोगी खिलाड़ी उसे दो बार हिट कर दे।
  4. यदि खिलाड़ी का नेट से स्पर्श हो जाए या वह जान-बाव खेल में बाधा डाले या प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी को खेलने से रोके।

जब यह खेल खेलने वाले एक या दो खिलाड़ियों का स्कोर 13 प्वाल पर पहुँच जाता है तो उन्हें एक विकल्प दिया जाता है कि वे या तो निक 15 प्वाइंट तक खेल सकते हैं या 5 प्वांइट और बनाकर, विजित होकर खेल समाप्त कर सकते हैं। इस स्कोर पर पहुँचकर जब खिलाडी जीत जाते हैं तो इसे ‘लव-ऑल’ स्कोर कहते हैं और एक ओर के खिलाडियों की 5 प्वांइट से जीत हो जाती है।

यह खेल पुरुषों के अलावा महिलाएँ भी खेलती हैं। डबल्स गेम 15 प्वांइट और सिंगल्स 11 प्वांइट का होता है। ‘डबल्स’ पूरे खेल-प्रांगण में खेला जाता है जबकि ‘सिंगल्स’ 3 फीट (91 से.मी.) में खेला जाता है। इस खेल के लिए शटल अक्सर कलहंस के पंखों (16 पंखों) या नायलोन से बनाया जाता है। इस खेल में रैकेट की चौडाई 9 इंच (230 मिमी.) और लंबाई 27 इंच (680 मिमी.) होती है। इस खेल में ड्राइव’ और ‘फ्लिक’ दो सर्विस होती हैं। ये इस खेल के नियम हैं। इन दोनों सर्विस का पालन करते हुए ही यह खेल खेला जाता है।

आजकल भारत में इस खेल के प्रति रुचि निरंतर बढ़ रही है। इस खेल में साइना नेहवाल जैसी खिलाडी आज उच्च शिखर पर है। आशा है, भविष्य में क्रिकेट की तरह यह खेल भी लोकप्रिय और सबका पसंदीदा खेल होगा।

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