Hindi Essay on “Samachar Patro ka Mahatva”, “समाचार पत्रों का महत्त्व”, Hindi Nibandh, Anuched for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations.

समाचार पत्रों का महत्त्व

Samachar Patro ka Mahatva

भूमिका- मानवीय सभ्यता का इतिहास इस तथ्य का साक्षी है कि सभ्यता का प्रकाश देखने से पूर्व वह जगलों में गफाओं में अपना जीवन व्यतीत करता था। उस युग में वह अकेला ही रहा करता था। जैसे-जैसे मनुष्य सभ्य होता गया। वह मिलजुल कर रहने लगा और उसे सामाजिक जीवन का महत्त्व भी ज्ञात होने लगा। अब उसे सहयोग के द्वारा एक दूसरे की समस्याओं को समझाने का अवसर प्राप्त होने लगा। सामाजिक जीवन में सभ्यता और संस्कृति को समझने-समझाने का महत्त्वपूर्ण कार्य वर्तमान युग में समाचार पत्र करते हैं। इन समाचार पत्रों ने संसार कोक परिवार का रूप दे दिया है। गाँव से लेकर राष्ट्र तक की और राष्ट्र से लेकर विश्वतक की गतिविधियों का चित्र इन समाचार पत्रों के माध्यम से हमारे सामने आ जाता है।

प्राचीनकाल में समाचार जानने के साधन बड़े स्थूल थे। सम्राट अशोक न बाद्ध ध तक पहुंचनाने के लिए लाटें बनवाई। साध-महात्मा चलते-चलते समाचार पहुचाने का कार्य करते थे। छापेखाने के आविष्कार के साथ ही समाचार पत्र की जन्म कथा का प्रसंग आता है। भारत में अंग्रेजी के शासनकाल में जनवरी 1780 में ‘बंगाल गजट’ नामक समाचार पग का प्रकाशन हुआ। महात्मा गांधी ने ‘हरिजन’ तथा लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने ‘केसरी पत्र’ प्रकाशित किए।

समाचार पत्रों के विभिन्न रूप- समाचार-पत्र समाचारों के वाहक होते हैं। समाचार पत्र वह साधन है जिसके द्वारा मानव समान के विषम में सम्पूर्ण जानकारी हमें प्राप्त होती है। समाचार पत्र आज अनेक रूपों में प्रकाशित होते हैं। दैनिक समाचार पत्र अब अपने प्रभाव तथा सांध्य संस्करण भी निकलते हैं। ये प्रतिदिन छपते हैं और संसार भर के समाचारों के दूत बनकर प्रातः घर-घर पहँच जाते हैं। हिन्दी दैनिक समाचार-पत्रों में नवभारत टाईम्स, हिन्दुस्तान, आज, विश्वभिग, दैनिक जागरण, अमर उजाला. पंजाब केसरी, वीर प्रताप, दैनिक ट्रिब्यून का बोलवाला है। दैनिक समाचार पत्रों के अतिरिक्त, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक पत्र, पत्रिकाएँ भी प्रकाशित होती हैं। इसके अलावा समाचार पत्रों के रूप में अनेक पत्र-पत्रिकाएँ भी प्रकाशित होती हैं। समाचार पत्र तथा पत्रिकाएँ अलग-अलग भाषाओं में प्रकाशित होते हैं।

लाभ- समाचर-पत्रों से अनेक लाभ हैं। वर्तमान यग में समाचार पत्रों के बिना जीवन की कल्पना असंभवसी हो गई है। आज के युग में इनकी उपयोगिता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। समाचार पत्रों में सम्पूर्ण विश्व में घटित होने वाली प्रमुख घटनाओं एवं गतिविधियों का वर्णन होता है। उनसे विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों में सम्बन्धित नवीन ज्ञान की जानकारी होती है। वैज्ञानिकों और विद्वानों के लेख समाचार पत्रों में प्रकाशित होते हैं जिनसे विद्यार्थी अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं। समाचार पत्रों से मानसिक विकास भी होता है। समाचार पत्र एक व्यक्ति से लेकर सारे देश की आवाज हैं जो दूसरे देशों तक पहुँचती है। व्यापारी लोग भी समाचार पत्रों से लाभ उठाते हैं। वे विज्ञापन देकर अपने कारोबार में वृद्धि करते हैं।

हानियाँ- आज समाचार पत्र धन प्राप्ति का साधन बन गया है। कुछ समाचार पत्र अपना नैतिक कर्तव्य भूलकर उन साधनों को अपनाते हैं जिससे उनका समाचार पत्र अधिक संख्या में बिके तथा उन्हें अधिक से अधिक विज्ञापन प्राप्त हों। कुछ समाचार पत्र धार्मिक संस्थानों द्वारा प्रकाशित किए जाते हैं। कट्टर धार्मिक प्रवृत्ति वाले व्यक्ति तथा समाचार पत्र समाज में साम्प्रदायिकता का जहर घोल देते हैं जिससे समाज में कड़वाहट पैदा होती है। समाचार पत्रों का प्रमुख दोष यह है कि वे निष्पक्ष मार्ग को त्याग कर केवल सरकार को प्रसन्न करने के लिए सरकार की गल्त नीतियों का समर्थन करने लगते हैं। इससे उनको अधिक संख्या में सरकारी विज्ञापन मिलत हो।

उपसंहार– संक्षेप में हम कह सकते हैं कि आज के यग में समाचार पत्रों का विशेष महत्त्व हा सच्चा समाचार पत्र वह है जो निष्पक्ष होकर राष्ट्र के प्रति अपना कर्त्तव्य निभाए। वह जनता के हित का ध्यान का ज्ञान कराए। यदि समाचार पत्र अपने कर्त्तव्य का परिचय दें तो निश्चय ही वरदान है। सपादका वे सुरुचिपूर्ण ढंग से समाचारों को प्रकाशित करें। ये राष्ट भाषा के विकास में सहायक हो।

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