Hindi Essay on “Jab meri Cycle Chori ho Gai”, “जब मेरी साइकिल चोरी हो गयी”, for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations.

जब मेरी साइकिल चोरी हो गयी

Jab meri Cycle Chori ho Gai

एक दिन मैं अपने कॉलेज में छुट्टी का आवेदन पत्र देने गया। मैं अपनी साइकिल कॉलेज के बाहर खड़ी कर के, उसे ताला लगाकर कॉलेज के भीतर चला गया। थोड़ी देर में ही मैं लौट आया। मैंने देखा मेरी साइकिल वहाँ नहीं थी जहाँ मैं उसे खड़ी कर गया। था। मैंने आसपास देखा पर मुझे मेरी साइकिल कहीं नजर नहीं आई। मुझे यह समझते देर न लगी कि मेरी साइकिल चोरी हो गयी है। मैं सीधा घर आ गया। घर आकर मैंनेअपनी माँ को बताया कि मेरी साइकिल चोरी हो गयी है। मेरी माँ यह सुनकर रोने लगी। उसने कहा कि बड़ी मुश्किल से एक 1500 रुपया खर्च करके तुम्हें साइकिल लेकर दी थी। तुम ने वह भी पूँवा दी। मेरी साइकिल चोरी हो गयी है, यह बात सारे मुहल्ले में फैलगयी। किसी ने सलाह दी कि पुलिस में रिपोर्ट अवश्य लिखवा देनी चाहिए। मैं पुलिस से बहुत डरता हूँ। मैं डरता-डरता पुलिस चौकी गया। मैं इतना घबरा गया था, मानो मैंने  ही साइकिल चुराई हो। पुलिस वालों ने कहा साइकिल की रसीद लाओ, उस का नम्बर बताओ, तब हम तुम्हारी रिपोर्ट लिखेंगे। मेरे पास न तो साइकिल खरीदने की रसीद थीऔर न ही मुझे साइकिल का नम्बर याद था। मुझे क्या यह मालूम था कि मेरी साइकिल चोरी हो जाएगी। निराश हो मैं घर लौट आया। लौटने पर पता चला कि मेरी साइकिल चोरी होने का समाचार सारे मुहल्ले में फैल गया है। हमारे देश में शोक प्रकट करने का कुछ ऐसा चलन है कि लोग मामूली से मामूली बात पर भी शोक प्रकट करने आ पहुँचते। हैं। हर आने वाला मुझ से साइकिल कैसे चोरी हुई ? प्रश्न का उत्तर जानना चाहता था। मैं एक ही उत्तर सभी को देता देता उकता सा गया। कुछ लोग मुझे ढारस देते हुए कहते  जो होना था सो हो गया। ईश्वर चाहेंगे तो साइकिल जरूर मिल जाएगी। मेरा एक मित्र विशेष रूप से शोक ग्रस्त था। क्योंकि यदा कदा वे मुझ से साइकिल माँग कर ले जाता। था। कुछ लोग मुझे यह भी सलाह देने लगे कि मुझे अब कौन सी कंपनी की बनी। साइकिल खरीदनी चाहिए और किस दुकान से खरीदनी चाहिए। एक तरफ मुझे अपनी। याइकिल चोरी हो जाने का दु:ख था तो दूसरी तरफ संवेदना प्रकट करने वालों की ऊलजलल बातों से परेशानी हो रही थी। पर क्या करता हमारे समाज का नियम ही ऐसा है। हर कोई संवेदना प्रकट करने आकर अपनी हाजिरी लगवाना चाहता था।

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