एक अविस्मरणीय घटना
Ek Avismarniya Ghatna
जीवन छोटी-छोटी घटनाओं का समूह है किन्तु कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं जो कभी नहीं भूलती। उनकी गहरी छाप हमारे हृदय पर बनी रहती है। हमारे गाँव की कुछ दूरी पर व्यास दरिया वहता है। एक दिन मोहल्ले के कछ लड़कों ने दरिया के किनारे घूमने का कार्यक्रम बनाया। निश्चित समय पर हमारी टोली व्यास दरिया के किनारे पहंच गई। सुहावने मौसम तथा प्राकृतिक सौन्दर्य का आनन्द मनाने वहाँ पर अन्य पर्यटक भी मौजूद थे। वहाँ पर एक नव विवाहित जोड़ा भी घूमने आया हुआ था। कुछ देर इधर-उधर घूमने के बाद गीतों का सिलसिला शुरू हो गया। फिर एक मित्र ने नौका विहार करने की इच्छा व्यक्त की और हमने तुरन्त एक नौका किराए पर ले ली। नौका विहार का आनन्द उठाते समय मैंने देखा कि एक युवती दरिया के तेज बहाव के साथ बही जा रही थी। हममें से जिन्हें तैरना आता था वे एक दम दरिया में कूद पड़े। पानी का बहाव इतना अधिक था कि काफी परिश्रम के बाद भी हम उन्हें बचा नहीं पाए। नदी तट पर पहुंचने पर पता चला कि वह युवती नव-विवाहिता थी और उसका पति दरिया के किनारे पड़े पत्थर पर बिठा कर उसकी तस्वीरें खींच रहा था। पत्थर पर बैठते समय संतुलन न बना पाने के कारण उसका पाँव पत्थर से फिसल गया और वह पानी में बह गई। उसका पति किनारे पर खड़ा उदास नेत्रों में उसे तब तक देखता रहा जब तक कि वह आँखों से ओझल नहीं हो गई। इस घटना को बीते हुए काफी समय हो गया है फिर भी एक स्वप्न की भान्ति उसे भुलाने पर भी मैं भूल नहीं पाता।