Hindi Essay on “Doordarshan”, “दूरदर्शन”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

दूरदर्शन

Doordarshan

विज्ञान ने आज मानव को अनेक उपहार दिए हैं। दूरदर्शन भी विज्ञान का अनुपम उपहार है। दूरदर्शन शब्द अंग्रेजी शब्द (Television) का पर्याय है। दूर और Vision देखना अर्थात् दूरदर्शन। इसके द्वारा घर बैठे-ही-बैठे अनेक घटनाओं. नाटकों, खेलकुद तथा अन्य समारोहों को साक्षात देखा जा सकता है। दूरदर्शन का आविष्कार श्री जे० एल० बेयर्ट ने सन 1925 में किया था। हमारे देश में सन् 1951 में दिल्ली में प्रथम दूरदर्शन केन्द्र की स्थापना हुई थी। आज टैलीविजन मनोरंजन के साथ-साथ शिक्षा का भी साधन बन गया है। इसके द्वारा अनेक शिक्षाप्रद नाटकों तथा कार्यक्रमों अनेक प्रकार की बुराईयां दूर होती है। दूरदर्शन के द्वारा हमारे ज्ञान में वृद्धि होती है। हमें अनेक प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है। इसके द्वारा हम अनेक कार्यक्रमों को घर बैठे देख सकते हैं जिन्हें देख पाना हमारे लिए सम्भव नहीं। ओलम्पिक, एशियाई खेल, क्रिकेट मैच, अनेक प्रकार के राष्ट्रीय या अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों को हम सीधे घर बैठे देख सकते हैं। आजकल तो सैटेलाइट के माध्यम से विदेशों के कार्यक्रम भी देखना सम्भव हो गया है। देश के संसद की सारी कार्यवाही भी दूरदर्शन पर दिखाई जाने लगी है। कृषि के क्षेत्र में भी टी० वी० के माध्यम से किसानों को केवल मौसम सम्बन्धी जानकारी ही नहीं मिलती अपितु पर्दे पर अनेक विधियां, सावधानियां तथा प्रयोग दिखाए जाते हैं। दूरदर्शन के बढ़ते प्रयोग से इसकी कुछ हानियां बी सामने आ रही हैं। अधिक समय तक तथा ठीक विधि से दूरदर्शन न देखने पर आँखों की ज्योति क्षीन होती है। विद्यार्थीगण दूरदर्शन के कार्यक्रमों को इतनी रूचि लेने लगे हैं कि उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता। दूरदर्शन पर जो फिल्म या चित्रहार दिखाए जाते हैं उनके दृष्य भद्दे होते हैं, जिन्हें परिवार के सभी लोग एक साथ बैठकर नहीं देख सकते। इसीलिए विद्यार्थियों को चाहिए कि दूरदर्शन के आदी न बनें और पढ़ाई के समय पर पढ़ाई ही करें। सरकार को चाहिए कि दूरदर्शन पर अच्छी शिक्षाप्रद फिल्में तथा ऐसे कार्यक्रम दिखाने का प्रबन्ध करें जिससे राष्ट्रीय एकता में वृद्धि हो तथा जन-जागरण हो।

Leave a Reply