Hindi Essay on “Chunav ka Drishya”, “चुनाव का दृश्य”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

चुनाव का दृश्य

Chunav ka Drishya 

 

भारत वर्ष स्वतन्त्र देश है। यहाँ प्रजातान्त्रिक प्रणाली को अपनाया गया है जो चुनाव पर आधारित है। चुनाव की घोषणा होते ही लोगों में खुशी की लहर दौड़ जाती है। पिछले मास मेरे गाँव की पंचायत का चुनाव था। चुनाव से लगभग 12-15दिन पहले चुनाव प्रचार आराम हो गया था। चुनाव में भाग लेने वाले उम्मीदवारों ने अपने-अपने चुनाव निणान के रंग-बिरंगे पत्र छपवाकर गली-गली में बांट दिए थे। प्रतिदिन सुबह-शाम लोगों के घरों में लाकर उम्मीदवार और उनके समर्थक अपने पक्ष में मत देने की मांग करते थे। पक्ष और विपक्ष वाले उम्मीदवार अपनीअपनी योजनाओं के बारे में बताते और लोगों को अधिक से अधिक सुविधाएं प्रदान करने के वायदे करते थे। गांव की गलियों की दीवारों पर, पंचायत घर के सामने आदि स्थानों पर पोस्टर भी चिपका दिए गए थे। विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता भी चुनाव में मदद के लिए पहुंच गए थे। कुछ उम्मीदवारों ने गरीब लोगों को लाभ देकर फुसलाने का भी प्रयास किया था। चुनाव के दिन गाँव में चहल-पहल थी। पंचायत भवन और गाँव के स्कूल में दो चुनाव केन्द्र बनाए गए ते। जिला मुख्यालय से उप-चुनाव अधिकारी और अन्य कर्मचारी रात को ही गाँव में पहुंच गए। उनके साथ कुछ पुलिस अधिकारी भी थे। लोग प्रात:काल से वोट डालने के लिए पंक्तियों में खड़े हुए थे। पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी थीं। मतदान सुबह आठ बजे से सायं के 5 बजे तक चलता रहा। सरपंच के पद के लिए कड़ा मुकाबला था। शान्ति बनाए रखने के लिए पुलिस को सर्तक कर दिया गया था। सांय 7 बजे परिणाम घोषित हुआ। चौधरी राम लाल दौ सौ वोटों से चुनाव जीत गया। विजयी पक्ष ने ढोल बजाकर खुशियां मनाई।

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