Hindi Essay on “Christmas ka Tyohar”, “क्रिसमस का त्यौहार ”, for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

क्रिसमस का त्यौहार 

Christmas ka Tyohar  

निबंध नंबर :- 01

क्रिसमस ईसाइयों का एक महत्वपूर्ण त्योहार है तथा यह उनके लिए हर्ष और उल्लास का त्योहार है। इस दिन भगवान ईसामसीह का जन्मदिवस था तथा उन्हीं के जन्मदिन की खुशी में यह त्योहार मनाया जाता है। तथा यह त्योहार सबको कल्याण व भलाई का संदेश देता है।

महान संत ईसा का जन्म 2000 वर्ष पूर्व 25 दिसम्बर को जॉर्डन देश के येरुशलम नामक गाँव में हुआ था। ईसा मसीह को ईश्वर का पुत्र माना गया है उन्हीं की याद में ईसाई 25 दिसम्बर को क्रिसमस का त्योहार मनाते हैं। क्रिसमस से पहले लोग अपने घरों की सफाई व पुताई करवा लेते हैं। फिर क्रिसमस के दिन लोग अपने घरों को बल्बों व फूलों से सजाते हैं। इसी प्रकार चर्च को भी सजाया जाता है तथा हर प्रकार की सजावट की जाती है।

घरों व चर्चे पर ईसा मसीह के जन्म के प्रतीक तारे लगाए जाते हैं। कुछ घरों में लोग क्रिसमस-वृक्ष भी सजाते हैं। जिसकी शाखाओं पर रंगीन बल्ब, फूल, टोफियाँ, खिलौने, चाकलेट इत्यादि लगी होती है और रात के समय घर का कोई बूढा व्यक्ति ‘सांताक्लॉज’ बनकर इन उपहारों को बाँटता है। जिससे बच्चे बहुत खुश होते हैं तथा नाच गाना करते हैं। इस दिन सब लोग चर्च भी जाते हैं तथा वहाँ पूजा करते हैं। व वहाँ केक व मिठाइयाँ खाते हैं। इसके बाद सब एक-दूसरे को क्रिसमस की बधाइयाँ देते हैं।

क्रिसमस न केवल ईसाइयों का त्योहार है। बल्कि यह हमें ईसा मसीह के महान संदेश को याद करने की प्रेरणा भी देता है।

 

निबंध नंबर :- 02

 

क्रिसमस डे -बड़ा दिन

Christmas Day – Bada Din

 

क्रिसमस डे ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। यह हर वर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है। इसे बड़ा दिन भी कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि 25 दिसंबर से दिन बड़ा होना आरंभ हो जाता है और रात छोटी होने लगती है।

जिस प्रकार से हिन्दू हर्षोल्लास से दीपावली और होली मनाते हैं, वैसे ही ईसाई क्रिसमस डे मनाते हैं। दुनिया में भारत ही ऐसा धर्मनिरपेक्ष देश है जिसमें प्रत्येक धर्म, जाति और भाषा के लोग रहते हैं। यहाँ पर सभी को अपने-अपने धर्म को मानने और अपनी जीवन-पद्धति के अनुसार रहने की स्वतंत्रता है। यहाँ विभिन्न प्रकार के धर्मावलंबी अपने धार्मिक रीति-रिवाज़ों का पालन करते हुए निडरतापूर्वक आनंदमय जीवन व्यतीत कर रहे हैं। जब मुस्लिम ताजिए निकालते हैं तो यहाँ कोई उनका विरोध नहीं करता, बल्कि भारत सरकार उनकी सुरक्षा का कड़ा प्रबंध करती है। इसी प्रकार जैन, सिख, बौद्ध, ईसाई सभी की सुरक्षा व्यवस्था सरकार करती है ताकि सभी अपने-अपने धर्म का पालन करते हुए प्रेमभाव से मिल-जुल कर रह सकें।

दुनिया के सभी त्योहार और धर्म हमें आपस में एकता, मेल-जोल और शांति से जीने का संदेश देते हैं। क्रिसमस डे के दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था। उनका जन्म एक यहूदी परिवार में फिलिस्तीन में हुआ था। प्रथम शताब्दी ईसवीं (AD) उनके पैदा होने के बाद से ही प्रारंभ हुई थी। उनसे पहले के समय को ईसा पूर्व (BC) कहा जाता है।

जिस प्रकार हिन्दू कृष्ण के जन्मदिवस पर जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाते हैं, वैसे ही ईसाई क्रिसमस डे हर्षोल्लास से मनाते हैं। भारत एक ऐसा देश है जहाँ प्रत्येक धर्म को सम्मान देते हुए उस दिन राष्ट्रीय अवकाश दिया जाता है। हमारे यहाँ त्योहारों पर उपहार देने की परंपरा है। क्रिसमस डे पर भी लोग आपस में एक-दूसरे को उपहार देते हैं और चर्च (गिरिजाघर) में क्रिसमस डे मनाते हैं। चर्च और अपने घरों को क्रिसमस ट्री, बिजली के बल्बों, फूलमालाओं से सजाते-संवारते हैं। चर्च में मोमबत्तियाँ जलाते हैं। क्रिसमस डे पर अपने घर सान्ता क्लॉज़ का आना बहुत शुभ माना जाता है, जो फादर क्रिसमस का ही स्वरूप है। सान्ता क्लॉज़ अपने साथ बहुत सारे उपहार भी लाता है।

क्रिसमस डे को अर्धरात्रि में घंटियाँ बजने लगती हैं। इस त्योहार पर लोग अपने मित्र, पड़ोसी एवं रिश्तेदारों को बधाई-पत्र भेजते हैं तथा अपने घरों और दफ्तर में केक काटकर क्रिसमस डे मनाते हैं। इस त्योहार पर चारों ओर प्रसन्नता का वातावरण होता है। क्रिसमस डे को सम्पूर्ण ईसाई समुदाय मनाता है। परंतु आजकल बहुत से गैर-ईसाई भी इस त्योहार को मनाते हैं। यह त्योहार विश्व भर में मनाया जाता है। अमेरिका में तो 96 प्रतिशत लोग इस त्योहार को मनाते हैं। यह त्योहार प्रेम, शांति और समृद्धि का प्रतीक है।

Leave a Reply