अनुशासन
Anushasan
Essay No.1
विचार-बिन्दु- •अनुशासन प्रगति का मूल कारण • प्रकृति-चक्र में अनुशासन • सफल व्यक्तियों के कुछ उदाहरण।
अनुशासन का अर्थ है-नियमों के अनुसार जीवन-यापन। अनुशासन मानव की प्रगति का मूलमंत्र है। अनुशासन से मनुष्य की सारी शक्तियाँ केंद्रित हो जाती हैं। उससे समय बचता है। बिना अनुशासन के बहुत सारा समय इधर-उधर के सोच-विचार में नष्ट हो जाता है। यदि सूर्य और चंद्रमा को भी अनुशासन ने न बाँध रखा होता, तो शायद ये भी किसी दिन अंगड़ाई लेने ठहर जाते। तब इस सृष्टि का न जाने क्या होता! मनुष्य को प्रकृति ने छूट दी है। वह चाहे तो अनुशासन अपना कर अपना जीवन सफल कर ले; अन्यथा पश्चात्ताप कर ले। संसार के सभी सफल व्यक्ति अनुशासन की राह से गुजरे हैं। गाँधी जी समय और दिनचर्या के अनुशासन का कठोरता से पालन करते थे। अंग्रेजों की थोड़ी-सी सेना पूरे भारत पर इसलिए शासन कर सकी, क्योंकि उसमें अद्भुत अनुशासन था। इसके विपरीत भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम केवल इसीलिए विफल हो गया, क्योंकि उनमें आपसी तालमेल और अनुशासन नहीं था।
अनुशासन
Anushasan
Essay No.2
समाज में अनुशासन का बहुत महत्व है। अनुशासन हमारे जीवन के लिए। बहुत महत्वपूर्ण है। जीवन के हर मोड़ पर इसकी बहुत आवश्यकता होती है। एक बच्चा अपने माता-पिता की आज्ञा का पालन करता है। अगर वह ऐसा नहीं करता तो घर में उसका जीवन बहुत दु:खी बन जाता है। एक विद्यार्थी के लिए तो अनुशासन का बहुत महत्व है क्योंकि इसके बिना तो वह किसी कार्य में सफल नहीं हो सकता। खिलाड़ियों को भी अनुशासन में रहकर कार्य करना चाहिए। अगर वह अनुशासन में अपना कार्य नहीं करेंगे तो वह किसी भी मैच को नहीं जीत सकते हैं।
फौज में भी अनुशासन का बहुत महत्व है। एक सैनिक को हर स्थिति में अपने आफिसर की आज्ञा का पालन करना पड़ता है और अपने कर्तव्य को निभाने के लिए मौत का सामना भी करना पड़ता है। यहाँ तक कि पक्षी भी अनुशासन का पालन करते हैं। पशु भी अनुशासन का पालन करते हुए समूहों में चलते हैं। वे अपने नेता को आगे चलने के लिए कहते हैं तथा । बाकी सब उसके पीछे चलते हैं। पक्षी भी आकाश में पंक्तिबद्ध होकर उड़ते हैं।
मधुमक्खियाँ भी अपनी रानी मक्खी के पीछे-पीछे उडती हैं। सूरज, तारे यह सब भी अपने-अपने रास्तों पर ही भ्रमण करते हैं। और अपने ते से एक इंच भी इधर-उधर नहीं जाते। वह सब भी अनुशासन का पूरा ध्यान रखते हैं।
आज की जिन्दगी बहुत जटिल हो गई है। हमें अपने आप को स्थापित करने के लिए कडा संघर्ष करना पड़ता है तथा इस संघर्ष के युग में वही व्यक्ति सफल होता है जो कड़े अनुशासन का पालन करता है।
अनुशासन को हम सबसे पहले अपने घर तथा विद्यालय से सीखते हैं। विद्यालय में हमें अनुशासन का पालन करना पड़ता है। विद्यालय समय पर पहुँचना वहाँ अध्यापकों की आज्ञा का पालन करना इत्यादि। वहीं हमें आज्ञा पालन की शिक्षा मिलती है। हमारे अनुशासन पालन से किसी दूसरे को तकलीफ न हो इस बात का ध्यान हमेशा रखना चाहिए।
अनुशासन जिस प्रकार शिक्षा के लिए जरूरी है। उसी प्रकार यह खेलों में भी महत्वपूर्ण है। खेलों में भी अनुशासन से संबंधित कुछ नियम होते हैं। और खेलों में इन नियमों का पालन खिलाड़ियों को करना पड़ता है और रेफरी की सीटी की आज्ञा का पालन करना पड़ता है।
हमें हमेशा अपने खाने तथा सोने की आदतों को अनुशासन में रहकर ही करना चाहिए। अपने आप पर अनुशासन तथा इन आदतों पर नियंत्रण करने से ही हम स्वस्थ और सफल बन सकते हैं। अनुशासन हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। अतः हमें हमेशा अनुशासन का पालन करते हुए ही अपना कार्य करना चाहिए तभी हम जीवन में सफल हो सकते हैं।