EJunk-Food Ki Samasiya “जंक फूड की समस्या” Hindi Essay 250 Words, Best Essay, Paragraph, Anuched for Class 8, 9, 10, 12 Students.

जंक फूड की समस्या

Junk-Food Ki Samasiya 

भारत में कुछ सालों से जंक फूड खाने की प्रवृत्ति बढ़ी है। सुबह से रात तक लोग इसे खाना पसंद करते हैं। ऐसा कोई विरला ही घर होगा जहाँ यह लोकप्रिय न होगा। आजकल माता-पिता घर में खाना बनाने के झंझट में नहीं पड़ना चाहते और बाजार से जंक फूड मंगाकर खाने लगे हैं। इस जंक फूड में चाउमिन, पीजा, बर्गर, मुमोज, हॉट डॉग आदि पदार्थ शुमार हैं। ये लोग इसलिए खाते हैं क्योंकि इनके बनाने में मेहनत न के बराबर लगती है। इन चीजों का प्रचलन आज लोकप्रियता के ग्राफ में दिनोंदिन ऊपर चढ़ रहा है। ये जितने भी फूड हैं इनमें वसा बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। ये ज़्यादातर मैदे के बने हुए उत्पाद हैं। इनका शरीर पर बुरा असर पड़ता है। दिल की बीमारियों और उच्च रक्तचाप बढ़ाने का जंक फूड कारण है। इसका स्वाद मजेदार होता है मगर नुकसान भी जानलेवा होता है। माता-पिता बच्चों को जंक फूड खाने की आदत डाल देते हैं। जंक फूड मोटापा बढ़ाने का कारगर उपाय है। इसमें कोलेस्ट्रॉल का स्तर उच्च रहता है क्योंकि इसमें ज्यादा मात्रा में चीनी और नमक रहता है। जंक फूड के उत्पादक भले ही दावा करें कि इसमें पौष्टिक तत्त्व विद्यमान रहते हैं, होंगे पर अभी तक तो इसे खाने वाले नुकसान उठाते देखे गए हैं। शुरू में बेशक सेवन करने वालों को इसके नुकसान का पता न चले मगर कुछ साल बाद इसके भयानक नतीजे सामने आने लगते हैं। जंक फूड खाने वाले अस्पतालों में दाखिल होकर पैसे का नुकसान करते हैं और शारीरिक तकलीफ भी भोगते हैं।

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