Chunaav Se Pehle Sarvekshan “चुनाव से पहले सर्वेक्षण” Hindi Essay 200 Words, Best Essay, Paragraph, Anuched for Class 8, 9, 10, 12 Students.

चुनाव से पहले सर्वेक्षण

Chunaav Se Pehle Sarvekshan

चुनावों से पहले और चुनावों के बाद लोगों का मन टटोलने के लिए चुनाव सर्वेक्षण की परंपरा चल निकली है। इस तरह की परंपरा पिछले दस-पन्द्रह साल से चली आ रही है। ये सर्वे जहाँ समचारपत्रों में दिए जाते हैं, वहीं टी.वी. चैनलों व इंटरनेट पर भी देखे जा सकते हैं। इनका समाचारपत्रों और टी.वी. चैनलों को यह फायदा होता है कि लोग उनके अखबारों को ज्यादा रुचि लेकर पढ़ते हैं और टीवी चैनलों को ज्यादा मन लगाकर देखते हैं। 2014 के लोक सभा चुनाव से काफी समय पहले अनेक टी.वी. चैनलों ने चुनाव सम्बन्धी सर्वेक्षण दिखाने प्रारम्भ कर दिए थे। चुनाव के परिणाम से एक महीना पूर्व यह प्रदर्शित कर दिया गया कि एन. डी. ए. को लोकसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत मिलेगा। उन्हें 275 सीटों पर विजय प्राप्त होगी तथा यू. पी. ए. को 115 सीटें मिलेंगी। 2009 तथा 2004 के लोक सभा चुनावों में चुनाव सर्वेक्षण गलत सावित हुए थे। 2014 में दिल्ली विधान सभा चुनावों में आम आदमी पार्टी को आठ-दस सीट मिलने की बात कही गई थी, परन्तु इस चुनाव में आम आदमी’ पार्टी को 28 सीटें प्राप्त हुई। वस्तुतः चुनाव सर्वेक्षण सदैव ठीक नहीं होते. परन्त इनसे राजनीतिक दलों की छवि पर विशेष प्रभाव पड़ता है। कई बार चुनाव सर्वेक्षण के लिए बहुत छोटा-सा क्षेत्र का चयन किया जाता है और बहुत कम लोगों की राय पूछी जाती है। अनेक संस्थाएँ राजनीतिक दलों से धन लेकर गलत सर्वेक्षण प्रस्तुत कर उनका स्वार्थ सिद्ध करती हैं। हमारे मत के अनुसार चुनाव पूर्व सर्वेक्षण पर कानूनी प्रतिबन्ध होना चाहिए।

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