Border par Sainiko ke Saath Ek Din “बॉर्डर पर सैनिकों के साथ एक दिन” Hindi Essay 500 Words, Best Essay, Paragraph, Anuched for Class 8, 9, 10, 12 Students.

बॉर्डर पर सैनिकों के साथ एक दिन

Border par Sainiko ke Saath Ek Din

सैनिकों के साथ भारत-पाक सीमा पर आतंकवादियों से लड़ते हुए एक दिन कर्नल जी. बसंत ने अपनी जान दे दी। हैरत है कि मीडिया ने इस घटना को खबर नहीं बनाया। मीडिया की इस बेरुखी से ऐसा लग रहा था जैसे आम भारतीयों की इस तरह की खबरों में कोई दिलचस्पी नहीं रही हो। सैनिक जान देने के लिए सेना में भर्ती होता है। इस समाचार के पता लगते ही मन में इच्छा जागी कि मैं भी उस पवित्र स्थल को देखें जहाँ कि कर्नल वसंत ने अपने प्राण बलिदान कर दिए। वहाँ पहुँचने पर मालूम पड़ा कि दुर्गम पहाड़ों पर सैनिक कितनी मुस्तैदी से अपने फर्ज को अंजाम देते हैं। कई-कई दिन केवल ऑक्सीजन पर जीवित रहते हैं। घर की खबर कोई देने वाला तक नहीं होता। हाथों में कई किलो की राइफल, आँखों पर दूरबीन। भोजन तो याद ही नहीं होता कि कव खाया। जब पूरा देश एयरकंडीशन में सुख की सांसें ले रहा होता है तब ये सैनिक पूरी रात जागकर दुश्मन की टोह लेते रहते हैं। जरा-सा खड़का हुआ, बंदूक से गोली बाहर। ऐसे देश के सैनिकों को मैंने शत शत नमन किया।

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