10 Lines on “M. N. Roy” (Indian revolutionary) “एम. एन. रॉय” Complete Biography in Hindi, Essay for Kids and Students.

एम. एन. रॉय

M. N. Roy

भारतीय क्रांतिकारी

जन्म: 21 मार्च 1887, अरबेलिया
निधन: 25 जनवरी 1954, देहरादून

  1. भारतीय विचारक एवं दार्शनिक श्री एम.एन. रॉय का जन्म एक संस्कृत शिक्षक के परिवार में हुआथा। बचपन से ही वे रोमांचुकारी व क्रांतिकारी प्रवृत्ति के थे।
  2. बंकिम चंद्र के आनंद मठ’ का उन पर गहरा प्रभाव था। अल्प शिक्षा के बाद वे उग्रपंथियों के संगठन ‘युगांतर’ में शामिल हो गए। युवा रॉय ने बहुत सी राजनैतिक डकैतियों में भाग लिया।
  3. वेष बदलकर वे अमेरिका भागने में सफल हो गए। कोलंबिया विश्वविद्यालय में समाजवाद पढ़ा।
  4. मैक्सिको में समाजवादी पार्टी का गठन किया जो बाद में रूस के बाहर प्रथम कम्युनिस्ट पार्टी बनी। यहीं उन्होंने अंग्रेजी, स्पेनिश, जर्मन, फ्रेंच तथा रूसी भाषा में दक्षता प्राप्त की। निचले स्तर से आंदोलन प्रारंभ करने की उनकी अवधारणा की प्रशंसा लेनिन ने भी की थी।
  5. मार्क्सवाद के प्रति उनका दार्शनिक दृष्टिकोण था।
  6. सन् 1930 में वे भारत लौटे। कराँची व अहमदाबाद के कांग्रेस अधिवेशन में भाग लिया।
  7. सन् 1931 में उन्हें लंबे समय के लिए जेल भेज दियागया।
  8. सन् 1936 में कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने रैडिकल डेमोक्रेटिक पार्टी’ व ‘इंडियन फेडरेशन ऑफ लेबर’ का गठन किया।
  9. उन्होंने ‘नवमानववाद’ की नई अवधारणा प्रस्तुत की।उनकी कृतियों ‘फासिज्म’, ‘स्पीरिट ऑफ इस्लाम’, ‘मैटेरियलिज्म एण्ड साइंटिफिक पॉलिटिक्स’ ने उन्हें एक विचारक और दार्शनिक के रूप में स्थापित कर दिया।
  10. 25 जनवरी, 1954 में उनका देहांत हो गया।

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