10 Lines on “Dr. Manmohan Singh” (13th Prime Minister of India ) “डॉ० मनमोहन सिंह” Complete Biography in Hindi, Essay for Kids and Students.

डॉ० मनमोहन सिंह

Dr. Manmohan Singh

भारत के 13वें प्रधानमंत्री

जन्म: 26 सितंबर 1932 (आयु 90 वर्ष), गाह, पाकिस्तान

  1. मनमोहन सिंह एक भारतीय राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और राजनेता हैं, जो 2004 से 2014 तक भारत के 13वें प्रधान मंत्री थे।
  2. वह जवाहरलाल के बाद तीसरे सबसे लंबे समय तक प्रधान मंत्री भी हैं। नेहरू और इंदिरा गांधी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य, सिंह भारत के पहले सिख प्रधान मंत्री थे।वह जवाहरलाल नेहरू के बाद पहले ऐसे प्रधानमंत्री भी थे, जिन्हें पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद फिर से चुना गया था।डॉ. मनमोहन सिंह का नाम देश के महान् अर्थशास्त्रियों में गिना जाता है।
  3. पश्चिमी पंजाब के गाह में जन्मे, जो आज पाकिस्तान है, सिंह का परिवार 1947 में इसके विभाजन के दौरान भारत चला गया। ऑक्सफोर्ड से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने के बाद, सिंह ने 1966-1969 के दौरान संयुक्त राष्ट्र के लिए काम किया। उनके पिता का नाम गुरूमुख सिंह व माता का अमृत कौर है।
  4. उन्होंने एम.ए. करने के बाद ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से पीएच. डी. की उपाधि ली। तत्पश्चात् वे पंजाब विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र का अध्यापन करने लगे।
  5. दिल्ली विश्वविद्यालय में कुछ समय प्राध्यापक रहने के बाद वे वित्त मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार नियुक्त हुए।
  6. मनमोहन सिंह ने भारत सरकार के आण्विक ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग आदि के वित्त सलाहकार के रूप में काम किया। कॉमनवेल्थ, अंकटाड व इस्केपके महासचिव रहे।
  7. सन् 1991 में वे भारत सरकार के वित्त मंत्री बनाए गए। इस पद पर रहते हुए उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक दिशा दी। अर्थव्यवस्था का उदारीकरण कर अनेक विदेशी कंपनियों को भारत में प्रवेश दिया, जिससे भारत के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग होने के साथ वह विश्व बाजार से जुड़ गया।
  8. द इंडिपेंडेंट ने सिंह को “दुनिया के सबसे सम्मानित नेताओं में से एक” और “असाधारण शालीनता और अनुग्रह के व्यक्ति” के रूप में वर्णित किया, यह देखते हुए कि वह मारुति 800 चलाते हैं, जो भारतीय बाजार में सबसे विनम्र कारों में से एक है।
  9. मनमोहन सिंह को देश-विदेश में अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
  10. उन्हें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने मानद प्राध्यापक की उपाधि दी तथा भारतीय वित्त संघ ने उन्हें अपना आजीवन सदस्य बनाया।

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